यूपी सरकार ने बाराबंकी में जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के आश्रितों को 2 लाख मुआवजे देने की बात कही है। सोमवार रात एक सरकारी ठेका से शराब खरीद कर पीने वालों में से कम से कम 17 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 40 से अधिक अस्पताल में भर्ती है। इस घटना के बाद यूपी सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। इस घटना के पीछे जांच एजेंसियां राजनीतिक साजिश के पहलुओं की भी पड़ताल करेंगी। योगी ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शराब पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा करने के साथ घटना की जांच के लिए 3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। जांच कमेटी में अयोध्या के मंडलायुक्त, आबकारी आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक अयोध्या शामिल है जो मामले की जांच के बाद अपनी रिपोर्टर दो दिनों के भीतर देने के लिए कहा गया है। मरने वालों एक परिवार के चार सदस्य शामिल हैं।
राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि जांच में दोषी पाए गए लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच दल इस बात की भी तहकीकात करेगा कि लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद हुई इस घटना के पीछे कोई राजनीतिक साजिश तो नहीं है। क्योंकि इसके पहले हापुड़ और आजमगढ़ में हुई जहरीली शराब की घटनाओं में राजनीतिक साजिश की बात सामने आई थी। सिंह ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार 40 लोगों को लखनऊ लाया गया है जिनमें किंग जार्ज मेडिकल यूनीवर्सिटी में भर्ती 16 की डायलिसिस की जा रही है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने घटना में 17 लोगों की मौत की पुष्टि की हालांकि इस तादाद में बढोत्तरी की संभावना से इंकार नहीं किया।
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जहरीली शराब से 17 लोगों की मौत, 2 लाख का मुआवजा देगी सरकार