मुंबई, । रिलायंस के मुखिया मुकेश अंबानी और अडाणी समूह के मालिक गौतम अडाणी के बीच नंबर वन बने रहने की जंग शुरू हो गई है। अंबानी से आगे निकलने की होड़ में अडाणी काफी नजदीक हैं। माना जा रहा है कि उनके तीन आईपीओ लिस्टेड होने के बाद वे अंबानी से नम्बर वन की दौड़ में आगे निकल जाते। अब अडाणी की कंपनियों पर सेबी का फंदा कसने के बाद औद्योगिक जगत में यह माना जा रहा है कि अंबानी ने अडाणी को पछाड़ने के गेम प्लान में अडाणी की कंपनियों की जांच शुरू कराकर अडाणी को दौड़ से बाहर करने की चाल चल दी है। मुकेश अंबानी अमीरों की सूची में अव्वल बने रह सकते हैं। सेबी की जांच से अडाणी ग्रुप की 6 लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में 5 से लेकर 22 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को जो शेयर 16 सौ रुपए का था, वह आज 12 सौ रुपए पर आ गया है। इसमें सबसे ज्यादा अडाणी इंटरप्राइजेज के शेयर टूटे हैं। शेयरों में गिरावट के बाद अडाणी को दूसरे नंबर पर भी रहने रिलायंस समूह रहने देगा, इसे लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है।
नंबर-2 बने रहना भी होगा मुश्किल
सेबी ने अडाणी समूह की चार कंपनियों के 43,500 करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य के शेयर फ्रीज किए हैं। यह गौतम अडाणी के लिए बड़ा झटका है। इससे अडाणी की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। उनकी कई कंपनियों में लोअर सर्किट तक लगना पड़ गया। शुरुआती एक घंटे के कारोबार के भीतर कंपनी के शेयरों में 20 फीसदी तक की गिरावट आई, जिसकी वजह से अडाणी की संपत्ति को 7.6 अरब डॉलर यानी 55 हजार करोड़ रुपए की कमी आई है। इस झटके के बाद माना जा रहा है कि अडाणी का अभी धनकुबेरों में नंबर-2 का रुतबा भी शायद ही बरकरार रहेगा।
निवेशकों की अडाणी इंटरप्राइजेज में हिस्सेदारी 6.82 फीसदी
इन निवेशकों की अडाणी इंटरप्राइजेज में हिस्सेदारी 6.82 फीसदी है। इसका मूल्य 12,008 करोड़ रुपए है। अडाणी ट्रांसमिशन में 8.03 फीसदी निवेश है और इसका मूल्य 14,112 करोड़ रुपए है। अडाणी टोटल गैस में 5.92 फीसदी निवेश है। इसका मूल्य 10,578 करोड़ रुपए है। जबकि अडाणी ग्रीन एनर्जी में 3.58 फीसदी का निवेश है। इसका मूल्य 6,861 करोड़ रुपए है।
3 विदेशी निवेशकों के निवेश पर शक
शेयरों में गिरावट का कारण इस ग्रुप की कंपनियों में तीन ऐसे विदेशी निवेशकों को सेबी ने पकड़ा है। जिन्हें फर्जी माना जा रहा है। ये तीन निवेशक हैं- अलबुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड। ये मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस के एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं। इनके पास वेबसाइट भी नहीं है। सेबी ने इन तीनों के निवेश को फ्रीज कर जांच शुरू हो गई है।
कुल निवेश 43,500 करोड़ रुपए
नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड यानी एनएसडीएल के मुताबिक अडाणी की कंपनियों में इन तीनों का कुल निवेश 43,500 करोड़ रहा है। ये अकाउंट इसलिए फ्रीज हुए क्योंकि इनके बारे में सेबी के पास कोई जानकारी नहीं है। साथ ही इन पैसों का मालिक कौन है, यह भी पता नहीं है। इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत इन पर कार्रवाई होगी या नहीं।
दिल्ली दरबार में हलचल
अडानी और अंबानी के बीच शुरु हुई गेंगवार का असर दिल्ली दरबार में भी देखने को मिला है। गुजरात मूल के दोनों उद्योगपतियों के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से सीधे सम्पर्क है। सेबी ने यह कार्यवाही किसके इशारे पर की है। इसको लेकर औद्योगिक एवं राजनैतिक समूह में अटकलों का दौर चल पड़ा है। यह माना जा रहा है कि सेबी ने यह कार्यवाही रिलायंस समूह के इशारे पर की है। जिसके कारण अडानी समूह का सत्ता के गलियारे में हैसियत कम होनी और रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी की ताकत के रुप में देखा जा रहा है।