ई-सिगरेट से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के बावजूद लोगों में तेजी से इसका चलन बढ़ रहा है। मुंबई में इसके सेवन को लेकर किए गए एक सर्वे के अनुसार, ज्यादातर युवा ई-सिगरेट का सेवन केवल दिखावे के लिए करते हैं। कइयों को तो इसके दुष्प्रभाव तक के बारे में जानकारी नहीं है। ये बातें सामने आई है तंबाकू नियंत्रण के लिए काम करने वाली संस्था सलाम बॉम्बे फाउंडेशन के सर्वे में। वल्र्ड नो टोबैको डे से पूर्व महानगर में तंबाकू सेवन के इस नए चलन को समझने के लिए संस्था ने मुंबई के 300 से अधिक युवाओं पर एक सर्वे किया, जिसके परिणाम होश उड़ाने वाले हैं। सर्वे में हिस्सा लेने वालों में से 73 प्रतिशत लोग ई-सिगरेट, जिसे निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (ईएनडीएस) के नाम से भी जाना जाता है, के बारे में पहले से जानते थे। इसमें से 33 प्रतिशत युवाओं ने कभी न कभी इसके सेवन की बात को भी स्वीकार किया। ताज्जुब की बात यह है कि 56 प्रतिशत युवाओं को लगता है कि ई-सिगरेट दूसरे किसी तंबाकू उत्पादों की तुलना में कम हानिकारक है।
दिखावा बन रही आदत
सलाम बॉम्बे की प्रीवेंटिव हेल्थ और रिसर्च विभाग की उपाध्यक्ष टी भूटिया ने बताया कि युवाओं में ई-सिगरेट को लेकर दिखावा उनकी आदत बन रही है। शुरुआत में लोग इसका सेवन केवल दिखावे के लिए करते हैं, लेकिन कब इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं, पता भी नहीं चलता। एक बार गिरफ्त में आने के बाद वे ई-सिगरेट से सामान्य सिगरेट की तरफ मुड़ जाते हैं। सर्वे में हमने पाया कि ई-सिगरेट का सेवन करने वाले ज्यादातर युवा इसके पहले किसी भी तरह के तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं किए थे। मतलब साफ है कि ई-सिगरेट धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों के सेवन के लिए इंट्री पॉइंट बन रही है।
घातक है ई-सिगरेट
मुंबई सहित देशभर में ई-सिगरेट का सेवन बढ़ रहा है। इसमें इस्तेमाल होने वाले हानिकारक केमिकल को लेकर डॉक्टर अक्सर लोगों को सचेत करते रहते हैं। बावजूद इसके इसके सेवन को लेकर कमी नहीं आ रही है। टाटा अस्पताल के गले और सिर के कैंसर रोग विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि दूसरी सिगरेटों की तरह ही ई-सिगरेट भी स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। इससे कैंसर जैसी घातक बीमारियों के होने के भी साक्ष्य मिले हैं। ई-सिगरेट लॉबी काफी बड़ी है नतीजतन उनकी तरफ से लोगों को गुमराह किया जाता है और ई-सिगरेट को कम हानिकारक बताकर इसका दुष्प्रचार किया जा रहा है।
बैन का नहीं दिख रहा असर
ई-सिगरेट के नुकसान को देखते हुए पिछले साल केंद्र सरकार की तरफ से सभी राज्यों को अडवाइजरी जारी कर इसे बैन करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि अभी तक कुछ ही राज्य ऐसा कर पाए। महाराष्ट्र एफडीए से मिली जानकारी के अनुसार इसी साल मार्च पांच को ई-सिगरेट को पूरे राज्य में प्रतिबंधित कर दिया गया। इसके तहत, राज्यभर में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट, ई-शीशा, ई निकोटीन फ्लेवर्ड हुक्का की बिक्री मैन्युफैक्चरिंग और ट्रांसपोर्टेशन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।