नई दिल्ली । दिल्ली से सटे गाजियाबाद में मुस्लिम बुजुर्ग अब्दुल समद की पिटाई और दाढ़ी काटने के मामले को सपा से जुड़े रहे उमेद पहलवान ने सांप्रदायिक रंग दिया था। गाजियाबाद पुलिस की पूछताछ के मुताबिक उमेद बुजुर्ग की पिटाई के अगले दिन यानी 6 जून को बुजुर्ग के सम्पर्क में आया, जिसके तुरंत बाद बुजुर्ग के साथ उमेद ने फेसबुक लाइव किया। उमेद ने बुजुर्ग को पूरी तरह हाईजैक कर लिया था और अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए उमेद ने पूरी कहानी बनाई।
हालांकि उमेद के पीछे और कौन-कौन लोग है यह तफ्तीश जारी है। आगामी नगरपालिका चुनाव और विधानसभा चुनाव में टिकट लेने के लिए मनगढ़ंत कहानी बनाई और फेसबुक लाइव कर ताबीज विवाद को मजहबी रंग दिया। हालांकि, पहले पूछताछ में उमेद बरगलाता रहा लेकिन बाद में उसने तमाम कहानी पुलिस के सामने रख दी। उमेद ने सबूत मिटाने के लिए अपने मोबाइल फोन की कई चैट्स डिलीट की है। गाजियाबाद पुलिस ने उमेद की व्हाट्सएप चैट्स बरामद करने के लिए व्हाट्सएप को खत लिखा है। उमेद का लोनी बॉर्डर इलाके में काफी रुतबा था इसलिए जानबूझकर लोनी बॉर्डर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया घटना स्थल लोनी बॉर्डर का बताकर। जबकि घटना प्रवेश के घर बंथला मे हुई थी। उमेद बुजुर्ग के साथ मारपीट के एक आरोपी इंतजार का काफी करीबी है।जबकि उमेद पहलवान प्रवेश को नापंसद करता था। इसलिए उमेद को फंसाने झूठी कहानी बनाई। बुजुर्ग को अपने मन मुताबिक बयान देने को कहा और उमेद ने ही बुजुर्ग से अपने एक चेले से झूठी शिकायत लिखवाई।
फेसबुक लाइव के बाद भी लगातार उमेद बुजुर्ग के आसपास रहा। यहां तक की बुजुर्ग के पास बुलन्दशहर गया उन्हें लेकर दिल्ली भी आया। ताकि पुलिस बुजुर्ग के पास दुबारा न पहुंच पाए। उमेद पर अब तक 7 मुकदमे का पता चला है। उमेद मूल रूप से दहदा गाँव पिलखुवा का रहने वाला है। शुरुआती दौर में पिलखुवा में चोरी करता था। फिर गाजियाबाद के एक प्रभावशाली शख्स पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष औलाद अली के साथ काम करने लगा। जिसके बाद सपा जॉइन की। उमेद पहलवान सपा के पहले लोकदल में भी रहा।
इतना ही नहीं वो 2016 में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का मनोनीत सदस्य भी रहा है। उमेद ने तीन शादी कर रखी है। उमेद पेशे से धागे मटेरियल के कारोबार से जुड़ा है। उमेद का मोबाइल फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है।
रीजनल नार्थ
सपा से जुड़े रहे उमेद ने गाजियाबाद में मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई को दिया सांप्रदायिक रंग