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दिल्ली में ब्लैक फंगस के नकली इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 2 डॉक्टरों समेत 10 लोग गिरफ्तार

दिल्ली में ब्लैक फंगस के नकली इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 2 डॉक्टरों समेत 10 लोग गिरफ्तार

नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो ब्लैक फंगस के नकली इंजेक्शन बनाकर काफी दिनों से बेच रहा था। पुलिस ने गिरोह के पास से 3000 से ज्यादा नकली इंजेक्शन बरामद किए हैं। पुलिस ने इस मामले में 2 डॉक्टरों सहित कुल 10 आरोपियों को दबोचा है। 
बहरहाल, दिल्‍ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने निजामुद्दीन पश्चिम इलाके में बने एक घर में जब छापा मारा, तो बड़े पैमाने पर नकली इंजेक्शन का जखीरा मिलने से उसके होश उड़ गए। कार्रवाई के दौरान उसे 3284 इंजेक्शन मिले, जिसमें ज्यादातर इंजेक्शन ब्लैक फंगस की बीमारी में काम आने वाली दवा लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन बी के थे। इसके अलावा कुछ इंजेक्शन रेमडेसिविर के थे, जोकि एक्सपायर हो चुके थे।
दिल्‍ली पुलिस के मुताबिक, 7 जून को दिल्ली सरकार के ड्रग्स कंट्रोल विभाग से शिकायत मिली की इस तरह नकली इंजेक्शन मिल रहे हैं। इसके बाद अलग-अलग जगहों से इस गिरोह के 10 लोगों को पकड़ा गया। सबसे पहले जामिया नगर से डिलीवरी बॉय वसीम खान पकड़ा गया और फिर खिदमत मेडिकोज का मालिक शोएब खान पुलिस के हत्‍थे चढ़ा। इसके बाद उसके सेल्समैन मोहम्मद फैजल यासिन और अफजल पकड़े गए। यही नहीं, इस दौरान मयंक तलूजा नाम का एक व्‍यक्ति भी पकड़ा गया जो कि इंजेक्शन के पैसे लेने आया था। 
पुलिस की पूछताछ में शोएब ने बताया वह इंजेक्शन साकेत में मेडीज हेल्थकेयर के मालिक शिवम भाटिया से लाता था। इसके बाद शिवम भाटिया को भी गिरफ्तार कर लिया गया। यही नहीं, शिवम भाटिया ने पुलिस को बताया कि वह ये इंजेक्टशन आफताब नाम के शख्स से लाता है। इसके बाद पुलिस ने आफताब को निजामुद्दीन से और उसके बड़े भाई अल्तमस हुसैन को यूपी के देवरिया से दबोच लिया। यही नहीं, इसके बाद भी पुलिस ने नकली इंजेक्‍शन बेचने वालों के खिलाफ अभियान जारी रखा। इस बीच उसे मेडीज हेल्थकेयर के मालिक डॉक्टर आमिर और डॉयरेक्टर फैजान का पकड़ने में सफलता मिली।
उल्लेखनीय है कि मेडीज हेल्थकेयर के मालिक डॉक्टर आमिर ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस किया है। जबकि फैजान ने बीटेक किया है। इसके अलावा डॉ अल्तमश ने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया और फिर एम्स से न्यूरोलॉजी में डिप्लोमा किया है। हैरानी की बात है कि अल्तमश ठगी के 5 केसों में गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस इंजेक्शन के खतरनाक होने की जांच कराने के साथ गिरोह के पकड़े गए लोगों की मेडिकल डिग्री की भी जांच कराएगी। वहीं, पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह अब तक 400 से ज्यादा नकली इंजेक्शन बेच चुका है। यही नहीं, ये सभी 250 का इंजेक्शन 12,000 रुपए में बेचते थे।
 

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