वॉशिंगटन । जानलेवा कोरोना वायरस से बचाव में लगाए जाने वाली वैक्सीन से पुरुषों के स्पर्म काउंट पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। यह ताजा खुलासा हुआ एक अध्ययन के बाद। वैज्ञानिकों का कहना है कि वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने से पुरुषों के स्पर्म काउंट में कमी नहीं आती है। स्टडी के लिए 18-50 साल के 45 स्वस्थ वॉलंटियर्स को फाइजर और मॉडर्ना के एमआरएनए वैक्सीन लगाए गए। डोज देने से पहले इन लोगों की जांच की गई कि किसी को स्पर्म संबंधी कोई बीमारी तो नहीं है। रिसर्च में उन लोगों को शामिल नहीं किया गया, जो वैक्सीन लगाने के 90 दिन पहले तक कोरोना संक्रमित थे। जान लें कि वॉलंटियर्स को टीके की पहली डोज देने के पहले उनके स्पर्म के सैंपल लिए गए। फिर वैक्सीन की दूसरी डोज देने के लगभग 70 दिन बाद भी स्पर्म के सैंपल लिए गए। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस के अनुसार वैज्ञानिकों ने सैंपल की जांच की।रिसर्च में पाया गया कि फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन का प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर नहीं पड़ा। वैक्सीन से स्पर्म काउंट कम नहीं हुआ। जान लें कि वैक्सीन में जीवित वायरस नहीं होता है, उसमें एमआरएनए होता है। इसलिए वैक्सीन लगवाने से स्पर्म काउंट पर प्रभाव नहीं होता है। स्टडी में शामिल अमेरिका की मियामी यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने कहा कि टीका लगवाने में लोग इसलिए भी हिचक रहे हैं क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि इससे स्पर्म काउंट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
आरोग्य
वैक्सीन लगवाने से कम नहीं होता है स्पर्म काउंट - एक ताजा स्टडी में किया गया ये दावा