चंडीगढ़ । पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह दो दिन के प्रवास के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या राहुल गांधी से मिले बिना लौट गए हैं। हालांकि पार्टी सूत्रों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमरिंदर सिंह ही मुख्यमंत्री पद पर रहेंगे। वहीं अमरिंदर सिंह के खिलाफ पार्टी के अन्य नेताओं की शिकायतों को दूर किया जाएगा। पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान को शांत करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने तीन सदस्यीय समिति बनाई थी, ताकि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव के पहले एकजुट चेहरा पेश किया जा सके।
समिति का कांग्रेस नेताओं के मुलाकात का दौर जारी है। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने अमरिंदर सिंह की नेतृत्व शैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, दलित नेताओं की सरकार में कम नुमाइंदगी और मुख्यमंत्री द्वारा खुद को अपने इर्द-गिर्द कुछ नेताओं तक सीमित रखने का मुद्दा उठाया है। हालांकि पार्टी नेता अगले साल चुनाव के पहले एकता पर जोर दे रहे हैं।
पंजाब कांग्रेस में मची कलह को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सुलह का एक फार्मूला दिया है। इसमें पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर सुनील कुमार जाखड़ की जगह किसी अन्य की नियुक्ति का विकल्प भी है। जाखड़ और अमरिंदर सिंह में मतभेद जगजाहिर हैं। सूत्रों का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू या किसी दलित चेहरे को जाखड़ की जगह दी जा सकती है।
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अमरिंदर सिंह ही मुख्यमंत्री रहेंगे,पार्टी के अन्य नेताओं की शिकायतों को दूर किया जाएगा