नई दिल्ली । दिल्ली सरकार द्वारा गरीबों के हक का राशन उनके घर तक डिलीवरी करवाने के लिए बनाई गई योजना को रोकने के लिए केंद्र सरकार लगातार बहाने बना रही है। इस योजना को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को पत्र भेजे हैं और उसके साथ अपने बहानों की लंबी फेहरिस्त भी भेजी है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यह जानकारी दी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पीडीएस राशन के वितरण का अधिकार राज्य सरकारों के पास है, इसके बावजूद केंद्र सरकार लगातार इसमें हस्तक्षेप कर रही है, क्योंकि साफ नियत न होने के कारण केंद्र सरकार जनता के घरों तक राशन की होम डिलीवरी नहीं करने देना चाहती है। केंद्र और पीएम मोदी का काम अब केवल राज्यों के साथ झगड़ा करने का रह गया है और वे देश चलना भूल गए हैं। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मंगलवार को दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार की तरफ से पत्र मिला। पीएम मोदी की क्षत्रछाया में लिखे गए इन पत्रों में यह लिखा है कि दिल्ली सरकार की घर-घर राशन पहुंचाने की योजना के प्रस्ताव को अस्वीकार किया जाता है, जबकि दिल्ली सरकार ने केंद्र को कोई प्रस्ताव ही नहीं भेजा है। साथ ही, केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए पत्र में बहाने बनाए गए हैं कि किस तरह गरीबों के हक का राशन उनके घरों तक नहीं पहुंचाया जा सकता है। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए बहाने यह है-
1. जहां राशन पहुंचाना है, वो पता ठीक है, कैसे पता चलेगा?
2. जिन लोगों को राशन देना है, वो पतली गलियों में रहते हैं, तो उतनी पतली गलियों में कैसे राशन पहुंचेगा।
3. कई लोग मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में रहते हैं, वहां कैसे पहुंचेगा।
4. अगर एड्रेस चेंज हो गया, तब कैसे पहुंचेगा राशन?
5. राशन वाली गाड़ी खराब हो गई, तो कैसे पहुंचेगा?
6. राशन वाली गाड़ी यदि ट्रैफिक में फंस गई, तो कैसे पहुंचेगा राशन
7. आपने हमें बताया ही नहीं कि राशन की कीमत क्या होगी?
सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्विट कर कहा, "केंद्र की चिट्ठी आई है। बेहद पीड़ा हुई। इस क़िस्म के कारण देकर घर- घर राशन योजना ख़ारिज कर दी कि राशन गाड़ी ट्रैफ़िक में फंस गई या ख़राब हो गई, तो तीसरी मंज़िल तक राशन कैसे जाएगा? 21वीं सदी का भारत चांद पर पहुंच गया, आप तीसरी मंज़िल पर अटक गए। संकरी गली में राशन कैसे जाएगा? हर वक्त हर किसी से झगड़ा सही नहीं- ट्विटर, लक्षद्वीप, ममता दीदी, महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली सरकार, किसानों, व्यापारियों, पश्चिम बंगाल के चीफ़ सेक्रेटेरी तक से झगड़ा। इतना झगड़ा, हर वक्त राजनीति से देश आगे कैसे बढ़ेगा? घर-घर राशन योजना राष्ट्रहित में है। इस पर झगड़ा मत कीजिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम के यह बहाने गरीब जनता के हक का व्यंग बना रहे है। पीएम ने सारे काम छोड़ कर केवल बहाने तलाशना शुरू कर दिया है कि गरीब लोगों के घर तक राशन पहुंचने से कैसे रोका जाए? पीएम को सोचना चाहिए कि यदि पिज़्ज़ा घरों तक पहुंच सकता है तो राशन क्यों नहीं। उपमुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से सवाल पूछते हुए कहा कि पीएम हमेशा इतने झगड़ालू स्वभाव क्यों अपनाए रहते हैं? देश के 75 साल के इतिहास में पहली बार कोई इतना झगड़ालू स्वभाव का पीएम आया है, जो सुबह- शाम राज्यों से लड़ता रहता है। कभी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से, तो कभी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से और अब तो राज्य के अधिकारियों और फेसबुक ट्विटर से भी लड़ना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है, मानो रोज़ सुबह उठ कर प्रधानमंत्री एक लिस्ट बनाते हैं कि आज किस राज्य को परेशान करना है और उससे लड़ना है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जिस देश का युवा चांद पर पहुंचने की औकात रखता है, उस देश के प्रधानमंत्री को यह बहाना बनाते हुए शोभा नहीं देता कि गरीबों को उनके हक का राशन सिर्फ इसलिए नहीं पहुंचाया जा सकता, क्योंकि वो तंग गलियों में या किसी इमारत के तीसरे मंजिल पर रहता है। प्रधानमंत्री को अपनी सोच और दिल को बड़ा करके साफ नियत से गरीबों के घरों तक राशन पहुंचाने में मदद करनी चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के झगड़ालू स्वभाव से जनता त्रस्त हो चुकी है। जनता ने उन्हें लड़ने के लिए नहीं, बल्कि देश चलाने के लिए चुना है। 21वीं सदी के युवा भारत का प्रधानमंत्री यदि चाहे तो युवाओं के साथ मिलकर ऐसे काम कर सकता है जो आजतक किसी ने नहीं किया हो, लेकिन पीएम मोदी को राज्यों से झगड़ने से ही फुर्सत नहीं है।