नई दिल्ली । क्या आप जानते हैं कि विटामिन सी की ज़्यादा मात्रा नुकसानदायक है। हर दवा का अपना एक कोर्स होता है। अगर आप इसको ज़्यादा मात्रा में लेते हैं तो यह आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। देश में कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमिक मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लोग इससे बचाव के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। अब जब कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है, तब इसको लेकर और ज्यादा डर बना हुआ है। इस दौरान ज्यादातर लोग विटामिन डी3, कैल्शियम, जिंक और मल्टी विटामिन ले रहे हैं। लेकिन इनका ज्यादा डोज नुकसानदायक साबित हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आज के समय में इम्युनिटी बूस्टर के कोर्स के बारे में भी लोगों को पता होना बेहद जरूरी हो गया है। विटामिन सी, डी और मल्टी विटामिन का कोर्स केवल एक माह का होता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिंक का ज्यादा इस्तेमाल भी नुकसानदेह साबित हो सकता है। विटामिन सी को 20वीं सदी की शुरुआत में अल्बर्ट सझेंट ग्योरगी ने पहचाना था, जिसकी कमी से स्कर्वी होता है। स्कर्वी को शुरुआत में निमोनिया से जोड़ा गया था जिससे यह पता चलता है कि स्कर्वी का निमोनिया पर भी असर हो सकता है। 1970 के दशक में नोबेल विजेता लीनस पौलींग ने सर्दी जुखाम के इलाज में विटामिन सी के डोज को इस्तेमाल करने को लोकप्रिय बनाया था। इसके पीछे कारण है कि जब कोई जानवर किसी बीमारी से गुजरता है, तो वह अपने अंदर विटामिन सी का उत्पादन करते हैं।
मनुष्यों ने इसकी क्षमता को खो दिया है। इसलिए हम इस जरूरी पोषक तत्व को खो देते हैं। इसे शरीर में स्टोर नहीं किया जा सकता और इसके लिए रोजाना लेने की जरूरत होती है जिससे पर्याप्त स्तर बना रहे। इसके साथ धूम्रपान, खराब लाइफस्टाइल और पर्याप्त पोषक तत्व नहीं लेने से आबादी का बड़ा हिस्सा विटामिन सी की कमी से जूझता है।1950 और 1960 के दशक में विटामिन सी की कमी को लेकर बहुत स्टडी हुईं जिनमें पाया गया कि कम विटामिन सी लेने से ज्यादा लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है। इसलिए प्रति दिन 4 से 6 ग्राम विटामिन सी लेने का सुझाव दिया जाता है। एक स्टडी से पता चला है कि इतना विटामिन लेने से कोल्ड और फ्लू के लक्षणों में 85 फीसदी की कमी आती है। जिन लोगों को यह लगता है कि वह फलों से विटामिन सी हासिल कर सकते हैं, उनके लिए यह समझना जरूरी है कि 20 संतरों से 1 ग्राम विटामिन सी मिलता है और यह लेना असंभव है। मालूम हो कि भारत में कोविड की दूसरी लहर ने तबाही मचाई और इसी तबाही से बचने के लिए लोगों ने घरेलू उपाय किए। डॉक्टर की सलाह अनुसार कई उपाय किये जिसमें से एक सबसे अहम उपाय ये था कि अगर आप विटामिन सी लेते हैं तो इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आपको कोविड का ख़तरा कम हो जाता है। इसके लिए बहुत सारे लोगों ने घर पर ही विटामिन सी लेना शुरू कर दिया। जिन पदार्थों में विटामिन सी होता है, जैसे खट्टे फल, संतरा, नीबू इत्यादि और इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में जो लोग नेचुरल विटामिन सी नहीं ले पाते उन्होंने इसकी टैबलेट लेना शुरू कर दी।
आरोग्य
नुकसानदायक हो सकती है विटामिन सी की ज्यादा मात्रा -कोरोना से बचाव के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं लोग