नई दिल्ली । तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय को पश्चिम बंगाल विधानसभा की लोक लेखा समिति का सदस्य निर्विरोध चुन लिया गया। भारतीय जनता पार्टी की ओर से उनके नामांकन का विरोध किया गया था क्योंकि रॉय भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत कर आए थे। मुकुल रॉय समेत 20 विधायकों ने पीएसी की सदस्यता के लिए बुधवार को नामांकन भरा था। पीएसी में अधिकतम 20 सदस्य हो सकते हैं। सभी 20 उम्मीदवारों के नामांकन को वैध पाया गया और उन्हें निर्विरोध चुन लिया गया। रॉय को पीएसी का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। तृणमूल कांग्रेस की ओर से 14 और भाजपा की ओर से छह नामों का प्रस्ताव दिया गया था। रॉय, आधिकारिक रूप से कृष्णनगर उत्तर से भाजपा के विधायक हैं और वह पिछले सप्ताह तृणमूल कांग्रेस में चले गए थे। इसके बावजूद उन्होंने न तो विधानसभा से इस्तीफा दिया न उन्हें दल-बदल रोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित किया गया। शुक्रवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा सचिव ने सूची सार्वजनिक की जिसमें रॉय का नाम था। प्रख्यात अर्थशास्त्री और भाजपा विधायक अशोक लाहिड़ी तथा नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी का नाम भी सूची में है। इससे पहले पश्चिम बंगाल भाजपा को राज्य विधान सभा सचिव को पत्र लिखकर सार्वजनिक लेखा समिति की सदस्यता के लिए टीएमसी नेता मुकुल रॉय के नामांकन को खारिज करने की मांग की थी। भाजपा ने पत्र में लिखा था कि 'हमने रॉय के नामांकन पत्र की जांच के दौरान मौखिक रूप से आपत्ति जताई थी और अब हम नामांकन पत्र की स्वीकृति पर कड़ी आपत्ति दर्ज कर रहे हैं।
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मुकुल रॉय को पश्चिम बंगाल विधानसभा में लोक लेखा समिति का सदस्य चुना गया