खबर आ रही है कि चीनी हुआवे कंपनी के स्मार्टफोन की रीसेल वैल्यू में भारी गिरावट आ सकती है। सेकेंड हैंड हैंडसेट बेचने वालों का कहना है कि लोग हुआवे के स्मार्टफोन बेचने की आपाधापी मचा सकते हैं। उनका कहना है कि कंपनी के नए स्मार्टफोन के लिए एंड्रॉयड सपोर्ट न मिलने की खबर के कारण यह मारामारी मच सकती है। इसके कारण इस चाइनीज कंपनी के स्मार्टफोन की रीसेल वैल्यू में बड़ी गिरावट भी आ सकती है। सैकेंड हैंड गुड्स की खरीदारी और बिक्री के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ओएलएक्स के प्रवक्ता ने बताया, 'हमें स्मार्टफोन्स की आपाधापी में बिक्री की संभावना दिख रही है क्योंकि यूजर्स अपने मौजूदा हुआवे फोन बेचकर दूसरे ब्रांड पर जाना चाहेंगे।' एंड्रॉयड सपोर्ट न मिलने का मतलब है कि ओएलएक्स पर हुआवे के स्मार्टफोन की सप्लाई आने वाले समय में कम हो जाएगी और इसके साथ ही इनके लिए डिमांड भी घटेगी। भारत में हुआवे की बिक्री आने वाले दिनों में कम हो सकती है। कंपनी को गूगल सर्विसेज और सपोर्ट न मिलने की जानकारी सामने आने के बाद यूजर इस ब्रांड से खरीदार दूरी बना सकते हैं। टेकआर्क के फाउंडर और चीफ एनालिस्ट फैजल कावूसा ने कहा, 'इस जानकारी के बाद मौजूदा यूजर्स जल्दबाजी में अपने स्मार्टफोन बेच सकते हैं और इस वजह से इनकी रीसेल वैल्यू काफी कम हो सकती है। हालांकि, कुछ यूजर्स इन सैकेंड हैंड स्मार्टफोन को खरीदने में दिलचस्पी लेंगे क्योंकि उन्हें यह नहीं पता होगा कि इस समस्या का क्या मतलब है।'
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हुआवे के नए डिवाइसेज को गूगल की सर्विसेज और टेक्निकल सपोर्ट नहीं मिलेगी। भारत में स्मार्टफोन के कुल मार्केट में अभी हुआवे की हिस्सेदारी लगभग 4.5 फीसदी की है। सैकेंड हैंड स्मार्टफोन मार्केट के लिए एंड्रॉयड के बिना हुआवे के स्मार्टफोन बेचना भी अच्छी डील नहीं होगी क्योंकि मार्जिन पहले ही कम है। सैकेंड हैंड स्मार्टफोन बेचने वाले ऑनलाइन स्टोर, रॉकिंग डील्स के फाउंडर और सीईओ, युवराज अमन सिंह ने कहा, 'जब तक किसी अन्य सॉफ्टवेयर को शामिल नहीं किया जाता, तब तक कोई कंपनी के सैकेंड हैंड स्मार्टफोन बेचने में मुश्किल होगी।' मौजूदा फोन को एक्सचेंज कर नए फोन बेचने वाली ई-कॉमर्स कंपनियां भी शायद हुआवे के स्मार्टफोन्स को स्वीकार नहीं करेंगी क्योंकि उनके लिए भी इनकी दोबारा बिक्री करना मुश्किल हो जाएगा। कैशिफाई के को-फाउंडर और सीईओ मंदीप मनोचा ने बताया कि उनकी कंपनी अगले तीन-चार सप्ताह तक डिवेलपमेंट पर नजर रखेगी और इसके बाद हुआवे के फोन को लेकर फैसला किया जाएगा।
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चीनी हुआवे कंपनी के स्मार्टफोन की रीसेल वैल्यू में आ सकती है बड़ी गिरावट