हैदराबाद। तेलंगाना में नए कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में ए रेवंत रेड्डी की नियुक्ति से पार्टी में उथल-पुथल मच गई है, क्योंकि वरिष्ठ नेता और भोंगिर के सांसद कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने फिर कभी पार्टी मुख्यालय गांधी भवन में प्रवेश नहीं करने की कसम खाई, जबकि कुछ अन्य नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वेंकट रेड्डी, जो इस पद के आकांक्षी और प्रबल दावेदार भी थे, ने आरोप लगाया कि नियुक्ति भी वोट के लिए नोट की तरह हुई। वह वोट के लिए नोट घोटाले का जिक्र कर रहे थे जिसमें रेवंत रेड्डी आरोपी हैं।
उस्सेखनीय है कि 2015 में, रेवंत रेड्डी, जो उस समय तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) में थे, को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एक मनोनीत विधायक को विधान परिषद चुनाव में तेदेपा उम्मीदवार के लिए वोट देने के लिए 50 लाख रुपये नकद की पेशकश करते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। वेंकट रेड्डी ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस तेलंगाना प्रभारी मनिकम टैगोर ने मौद्रिक लाभ के लिए रेवंत रेड्डी का पक्ष लिया। रविवार को नई दिल्ली से हैदराबाद लौटे सांसद ने नई राज्य इकाई को तेदेपा का विस्तार करार दिया। नई टीम को बधाई देते हुए उन्होंने टिप्पणी की कि हुजूराबाद विधानसभा सीट के उपचुनाव में पार्टी को अपनी जमानत जब्त करने से बचाना चाहिए। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह इब्राहिमपट्टनम से भुवनेश्वर तक पदयात्रा शुरू करेंगे और लोगों के बीच रहेंगे। यह कहते हुए कि कुछ नेता उनसे मिलने की कोशिश कर रहे हैं, वेंकट रेड्डी ने कहा कि रेवंत रेड्डी सहित किसी को भी उनसे मिलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
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तेलंगाना कांग्रेस में नए अध्यक्ष रेवंत रेड्डी की नियुक्ति पर मची उथल-पुथल -पद के प्रबल दावेदार वेंकट रेड्डी का आरोप, वोट के लिए नोट की तरह हुई नियुक्ति