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मायावती का पंचायत के चुनाव में हाथ पीछे खींच लेना सरकार को तानाशाही की इजाजत देने जैसा - चंद्रशेखर  

मायावती का पंचायत के चुनाव में हाथ पीछे खींच लेना सरकार को तानाशाही की इजाजत देने जैसा - चंद्रशेखर  

नई दिल्ली । आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर  ने कहा कि मायावती जैसे बड़े नेता द्वारा जिला पंचायत के चुनाव में हाथ पीछे खींच लेना, आत्मसमर्पण कर देना, सरकार को खुली छूट या तानाशाही की इजाजत देने जैसा है, इसे वॉकओवर भी कहते हैं। 
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव मायावती द्वारा न लड़ने का क्या संकेत है, इस पर चंद्रशेखर ने कहा "चुनाव के दौरान भी बीजेपी की सरकार रहेगी, क्या वो तब तानाशाही नहीं करेगी। बीजेपी लोकतंत्र के साथ पुलिस और प्रशासन का दुरुपयोग कर रही है। बीजेपी बड़े पैमाने पर गुंडागर्दी कर रही है। जिला पंचायत सदस्यों को पीटा भी गया है। लेकिन अपने कार्यकर्ता के साथ कनेक्शन नहीं है। कई जगहों पर सपा -बसपा, आरएलडी के जिला पंचायत सदस्यों को पीटा भी गया है। जबरन मुकदमे भी ठोके गए हैं। लेकिन मायावती की पार्टी का उनके कार्यकर्ताओं से कनेक्शन नहीं है। "
चंद्रशेखर ने एक समाचार चैनल से कहा, "मैं बीजेपी सरकार को खुली चुनौती देता हूं कि वो मेरी पार्टी के किसी जिला पंचायत सदस्य को उठाकर दिखाएं। उन्हें प्रताड़ित करके दिखाएं तो हम बताएंगे कि जनता कितनी ताकतवर है। ये समझ लेना चाहिए कि सरकार स्थायी नहीं है। प्रशासनिक अधिकारियों को भी यह समझना चाहिए कि योगी सरकार 6-7 महीने से ज्यादा नहीं चलेगा, यूपी की जनता इसे उखाड़ फेंकेगी।"
उन्होंने कहा कि हम लोग एक जुलाई से बहुजन साइकिल यात्रा शुरू कर रहे हैं, जिसमें यूपी सरकार की नाकामियों को उजागर किया जाएगा। हालांकि ओवैसी के 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान पर उन्होंने कुछ टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
चंद्रशेखर ने कहा कि बसपा संस्थापक कांशीराम का जन्मदिन 15 मार्च को है और उसी दिन हमने पार्टी की स्थापना की, हम कांशीराम के सिद्धांतों पर चल रहे हैं, उन्हें अपनी ओर खींच नहीं रहे हैं। बीजेपी में दलित समाज को ज्यादा प्रतिनिधित्व दिए जाने पर उन्होंने कहा कि एससी-एसटी समाज प्रसाद खाने के लिए नहीं बल्कि अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है।  
 

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