कुछ दिनों में देश में मानसून की आहट सुनाई देने वाली है। मौसम जानकारों की माने तो इस साल मानसून की आमद में थोड़ी देरी हो सकती है लेकिन मौसम विभाग ने बारिश सामान्य रहने की उम्मीद जाहिर की है। मानसून के आगमन में देरी और बुआई से पहले खरीफ की कुछ अहम फसलों में अच्छी तेजी देखने को मिली है। कॉटन, कैस्टर, सोयाबीन जैसी फसलों में अच्छे फंडामेंटल्स के कारण बढ़त का रुझान देखने को मिला है। कॉटन पर यूएसडीए ने अगले सीजन में खपत बढ़ने की संभावना है। खपत 2.6 प्रतिशत बढ़कर 12.59 करोड़ गांठ रहने का अनुमान है। ग्लोबल उत्पादन 6 प्रतिशत बढ़कर 12.55 करोड़ गांठ रहने का अनुमान जताया जा रहा है। अमेरिका और भारत में उत्पादन बढ़ने की संभावना जाहिर की है। इससे कॉटन की कीमतों में तेजी आ सकती है। सूखे मौसम, ट्रेड वॉर से कीमतों को सपोर्ट मिलेगा। आईसीई कॉटन की कीमत 70 सेंट/पौंड तक जा सकती है। खाने के तेलों में तेजी नजर आई है। अच्छे ग्लोबल संकेत, कमजोर रुपये से सपोर्ट मिला है। सीबॉट सोयाबीन 6 हफ्ते का ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है। घरेलू बाजार में शादियों, त्यौहारी मांग से सपोर्ट बना हुआ है। ट्रेड वॉर के कारण भी तेल-तिलहन को सपोर्ट मिला है।
मौसम पर जानकारी देते हुए मौसम विभाग ने इस साल सामान्य मॉनसून का अनुमान जताया है। पूरे देश में 96 प्रतिशत मॉनसून का अनुमान है। वहीं मध्य भारत में 100 प्रतिशत मॉनसून का अनुमान है। उत्तर-पश्चिम भारत में 94 प्रतिशत मॉनसून का अनुमान है।जबकि दक्षिण भारत में 97 प्रतिशत मॉनसून का अनुमान लगाया गया है। अगस्त में 99 प्रतिशत मॉनसून का अनुमान और जुलाई में 95 प्रतिशत मॉनसून का अनुमान लगाया गया है।
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बुआई से पहले खरीफ की फसलों में तेजी