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महाराष्ट्र में दो हजार से ज्यादा लोगों को फर्जी वैक्सीनेशन केंद्रों पर कोरोना का टीका लगा

महाराष्ट्र में दो हजार से ज्यादा लोगों को फर्जी वैक्सीनेशन केंद्रों पर कोरोना का टीका लगा

नई दिल्ली  । महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि राज्य में दो हजार से ज्यादा लोगों को फर्जी वैक्सीनेशन केंद्रों पर कोरोना का टीका लगाया गया।  उन्होंने कहा कि कुल  2040 लोगों का फेक वैक्सीनेशन कैम्पों में टीकाकरण हुआ था। उन्हें वैक्सीन की जगह सलाइन दिया गया था। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस मामले में कुल 10 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। सभी का जुलाई के पहले सप्ताह में एंटीबॉडी टेस्ट किया जाएगा। उसके बाद केंद्र को सूचित कर फिर इन सभी 2040 लोगों  को फिर से टीका दिया जाएगा। मुंबई पुलिस का कहना है कि मुंबई फेक वैक्सीनेशन कैंप के मामले में डॉ। मनीष त्रिपाठी ने कांदिवली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।  
ज्ञात रहे कि पिछले हफ्ते मुंबई में शिविर लगाकर फर्जी वैक्सीनेशन का केस दर्ज किया गया था। प्रोडक्शन हाउस मैचबॉक्स की शिकायत पर वर्सोवा पुलिस स्टेशन ने केस दर्ज किया था। प्रोडक्शन हाउस ने कहा था कि 29 मई को 150 लोगों को शिविर में वैक्सीन लगवाई गई। इस कैंप का संचालक भी वही समूह है, जिसके 5 सदस्यों को कांदिवली पुलिस ने फर्जी टीकाकरण के मामले में गिरफ्तार किया था। वर्सोवा पुलिस ने राजेश पांडे और संजय गुप्ता को इस केस में आरोपी बनाया था। कांदिवली की हीरानंदानी हेरिटेज सोसायटी में फेक वैक्सीनेशन कैंप के मामले में राजेश पांडे फरार है जबकि संजय गुप्ता गिरफ्तार है।
इससे पहले कांदिवली की हीरनंदानी हाउसिंग सोसायटी में 30 मई को टीकाकरण कैंप लगा था। लेकिन लोगों के पास अलग-अलग अस्पतालों के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट आने पर संदेह जाहिर किया। इसके बाद से मुंबई पुलिस इस रैकेट की जांच कर रही है और अब तक पांच लोगों को गिरफ्तारी हो चुकी है।
 

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