नई दिल्ली । नाराज कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में पार्टी प्रमुख बनाये जा सकते हैं, ताकि अगले साल राज्य चुनावों के लिए पार्टी के अभियान को खतरे में डालने वाली अंदरूनी कलह को कम किया जा सके। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल में भी जल्द ही फेरबदल की संभावना है।
सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने अभी तक उस योजना का समर्थन नहीं किया है जिसे उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा की मंजूरी मिली है। मंगलवार को नवजोत सिद्धू की राहुल गांधी से मुलाकात प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप से संभव हो पायी थी।
पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावतके अनुसार "राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ नवजोत सिद्धू की मुलाकात एक अच्छा संकेत है, और इससे इस मुद्दे को सुलझाने में मदद मिलेगी। मुझे लगता है कि जल्द ही समाधान हो सकता है।"
सूत्रों का कहना है कि पार्टी में पंजाब संकट से निपटने में प्रियंका गांधी की भूमिका पर मतभेद है।
विशेष रूप से पंजाब में कांग्रेस नेताओं को लगता है कि नवजोत सिद्धू को शांत करना अच्छा तरीका नहीं हो सकता है। कुछ का तो यहां तक कहना है कि पंजाब में पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी, जहाँ अगले साल एक नई सरकार के लिए मतदान है।
अमरिंदर सिंह और सिद्धू दोनों ने पंजाब कांग्रेस के नेताओं से परामर्श करने और समाधान की सिफारिश करने के लिए सोनिया गांधी द्वारा गठित तीन सदस्यीय पैनल के साथ बैठक की थी। पैनल के एक सदस्य ने कहा, "वह (सिद्धू) सोचते हैं कि वह हम में से किसी से भी ऊपर हैं और गांधी परिवार तक उनकी सीधी पहुंच है।"
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पंजाब में पार्टी प्रमुख बनाये जा सकते हैं नवजोत सिंह सिद्धू