नई दिल्ली । गुलशन कुमार मर्डर केस में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी अब्दुल रऊफ मर्चेंट को बड़ा झटका लगा है। गुलशन कुमार हत्याकांड में बॉम्बेन हाईकोर्ट की जस्टिस जाधव और बोरकर की बेंच ने अपना फैसला सुनाया और अब्दुल रऊफ मर्चेंट की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा। वहीं, कोर्ट ने रमेश तौरानी की बरी के फैसले को बरकरार रखते हुए तौरानी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील खारिज कर दी। बता दें कि टी-सीरीज कंपनी के संस्थाीपक गुलशन कुमार की 19 अगस्ता, 1997 को जूहू इलाके में हत्यार कर दी गई थी। दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार की हत्या के मामले में अब्दुल रऊफ मर्चेंट की सजा को बरकरार रखा। रऊफ मर्चेंट को 1997 में टी-सीरीज़ के प्रमुख गुलशन कुमार की हत्या के लिए 2002 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। न्यायमूर्ति साधना एस जाधव और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की पीठ ने कहा कि रऊफ मर्चेंट की सजा जारी रहेगी क्योंकि वह पैरोल से भाग गया था और अपनी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा। भारत-बांग्लादेश सीमा से फिर से गिरफ्तारी के बाद रऊफ मर्चेंट को साल 2016 में एक सत्र अदालत ने मुंबई के आर्थर रोड जेल भेज दिया था। औरंगाबाद जेल में रहते हुए रऊफ मर्चेंट अप्रैल 2009 में अपने परिवार से मिलने के लिए पैरोल पर रिहा होने के बाद फरार हो गया था। इसके बाद भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम का सहयोगी रऊफ मर्चेंट बांग्लादेश भाग गया। हालांकि, उसे वहां अवैध प्रवेश और फर्जी यात्रा दस्तावेज ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
लीगल
गुलशन कुमार मर्डर केस में दाऊद के साथी रऊफ को झटका