YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

रीजनल नार्थ

 मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने की इस्तीफे की पेशकश - तीरथ सिंह रावत ने नड्डा को लिखा पत्र, संवैधानिक संकट पैदा होना बताया गया वजह -राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री के लिए भाजपा में शुरू हुआ मंथन

 मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने की इस्तीफे की पेशकश - तीरथ सिंह रावत ने नड्डा को लिखा पत्र, संवैधानिक संकट पैदा होना बताया गया वजह -राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री के लिए भाजपा में शुरू हुआ मंथन

नई दिल्ली । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने इस संदर्भ में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने यह पेशकश की। इसके पीछे की वजह संवैधानिक संकट पैदा होना बताया गया है। राज्य सियासी हलचल के बीच रावत ने जेपी नड्डा से मुलाकात भी की थी। वहीं आलाकमान प्रदेश में  तीसरे मुख्यमंत्री के लिए मंथन में जुट गया है। आज-कल में नए नाम पर मुहर लग सकती है।
तीरथ सिंह रावत ने पत्र में कहा है कि आर्टिकल 164-ए के हिसाब से उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद छ महीने में विधानसभा का सदस्य बनना था, लेकिन आर्टिकल 151 कहता है कि अगर विधानसभा चुनाव में एक वर्ष से कम का समय बचता है तो वहा पर उप-चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। उतराखंड में संवैधानिक संकट न खड़ा हो, इसलिए मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहता हूं।
उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिल्ली तलब किया गया था, जिसके बाद वे राष्ट्रीय राजधानी आए। उनके अलावा, दो भाजपा के वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज और धन सिंह रावत को भी दिल्ली बुलाया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रावत ने दिल्ली दौरे के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही कहा जा रहा था कि उत्तराखंड में अहम बदलाव हो सकता है।
केंद्र में बनाए जा सकते हैं मंत्री
सूत्रों का कहना है कि अगर तीरथ सिंह रावत का इस्तीफा मंजूर होता है तो उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि तीरथ सिंह रावत को मार्च महीने में उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया था। उन्होंने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह ली थी। त्रिवेंद्र सिंह के खिलाफ भाजपा में ही विरोध के स्वर उठ रहे थे, जिसके बाद नई दिल्ली में हुईं बैठकों में मुख्यमंत्री बदलने का फैसला लिया गया था। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तकरीबन चार साल तक बतौर मुख्यमंत्री राज्य की सत्ता संभाली थी, लेकिन वहीं, तीरथ सिंह रावत को अभी सिर्फ चार महीने ही मुख्यमंत्री बने हुआ है।

Related Posts