लखनऊ । भारतीय पुलिस सेवा के 1987 बैच के वरिष्ठ अधिकारी मुकुल गोयल ने उत्तर प्रदेश के नये पुलिस महानिदेशक के रूप में शुक्रवार को कार्यभार संभाल लिया। वह इससे पहले गोयल बीएसएफ में अतिरिक्त महानिदेशक (अभियान) के पद पर तैनात थे। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाना ही प्राथमिकता है। सभी को सुरक्षा का अहसास दिलाना ही पुलिस की प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण जनता की मदद के बिना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता की मदद से ही क्राइम कंट्रोल हो सकता है। पुलिस को और संवेदनशील बनकर जनता के पास जाना होगा।
पदभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुकुल गोयल ने कहा कि पांच वर्षों के बाद लखनऊ आया हूं। उन्होंने कहा कि कई बार छोटे-छोटे अपराधों की अनदेखी बड़ी घटनाओं को जन्म देती है। पुलिसकर्मियों को अधिक संवेदनशील होकर हर छोटी घटना में करवाई का संदेश भी देना होगा। मैं चाहूंगा कि अधिकारी फील्ड में जाएं और थाना स्तर पर पीड़ितों की सुनवाई और कार्रवाई की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना चुनौती है। उन्होंने पुलिसिंग में तकनीकी के और अधिक समावेश पर विशेष जोर देने की बात भी कही। कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड पर मुकुल गोयल बोले कि कुछ छोटी गलतियों की वजह से इतनी बड़ी घटना हुई थी। कई वर्षों से अपराधियों और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच गठजोड़ बना था, जिसे ठीक ढंग से देखा नहीं गया।
उन्होंने पूर्व पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी का स्थान लिया है जो 30 जून को सेवानिवृत्त हुये थे। उत्तर प्रदेश के मुजफफरनगर के रहने वाले गोयल का जन्म 22 फरवरी 1964 को हुआ था। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। गोयल उप्र के कई शहरों में पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इनमें जालौन, मैनपुरी, हाथरस, गोरखपुर, वाराणसी, सहारनपुर और मेरठ शामिल हैं।
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मुकुल गोयल ने यूपी डीजीपी का पद संभाला, कहा-अपराध नियंत्रण जनता की मदद के बिना असंभव