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कोरोना काल में अस्थमा रोगी रखें खुद का ज्यादा ख्याल -अटैक से बचने के लिए ऐसा रखें डाइट प्लान

कोरोना काल में अस्थमा रोगी रखें खुद का ज्यादा ख्याल -अटैक से बचने के लिए ऐसा रखें डाइट प्लान

नई दिल्ली । कोरोना वायरस के काल में अस्थमा के रोगियों को खुद का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्तियों में सांस की समस्या की बातें सामने आ रही हैं। उन लोगों पर वायरस का प्रभाव ज्यादा हो रहा है जो सांस से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे हैं या जिनको और कोई गंभीर बीमारी है। आपको बता दें कि अस्थमा लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है, जिसे लंबे समय तक इलाज की जरूरत होती है। 
अस्थमा में सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, खांसी और घरघराहट होती है। इस अटैक का मुख्य कारण शरीर में मौजूद बलगम और संकरी श्वासनली है लेकिन इसके अलावा अस्थमा के अटैक के कई बाहरी कारण भी होते हैं, जिस वजह से दमे का अचानक अटैक पड़ता है। ऐसे में रोगियों को इंहेलर लेने के लिए कहा जाता है। साथ ही अस्थमा के रोगियों को हेल्दी डाइट भी लेना चाहिए। आइए आपको बताते हैं कैसा होना चाहिए अस्थमा रोगियों का डाइट प्लान।विटामिन सी में एंटी ऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो फेफड़ों की सुरक्षा करने और उन्हें मजबूत बनाने में मददगार होता है। जो लोग अधिक विटामिन सी युक्त चीजों का सेवन करते हैं उन्हें अस्थमा का अटैक आने का खतरा कम होता है।
 अस्थमा के रोगियों को संतरा, ब्रोकली, कीवी को डाइट में शामिल करना चाहिए। वैसे तो अस्थमा रोगियों को शहद और चीनी की उपयोग सीमित मात्रा में ही करना चाहिए लेकिन अस्थमा के मरीजों के लिए शहद और दालचीनी का सेवन काफी लाभदायक होता है। रात में सोने से पहले दो से तीन चुटकी दालचीनी के साथ एक चम्मच शहद मिलाकर नियमित रूप से लेने से फेफड़ों को आराम मिलता है। साथ ही लंग्स से जुड़ी बीमारियां भी दूर होती हैं। तुलसी को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में जाना जाता है। तुलसी में एंटी ऑक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे में चाय में दो से तीन पत्ते तुलसी के डालकर पीने से अस्थमा के मरीजों में अटैक की आशंका कम हो सकती है। तुलसी शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाती है। साथ ही तुलसी मौसमी बीमारियां जैसे फ्लू और सर्दी-खांसी में भी राहत देती है। 
इसके अलावा दालों के सेवन से पाचन शक्ति भी मजबूत होती है। फेफड़ों के लिए हरी सब्जियां काफी फायदेमंद होती हैं। हरी सब्जियों को खाने से फेफड़ों में कफ जमा नहीं हो पाता है, जिससे अस्थमा के रोगियों को अटैक आने जैसी आशंकाएं कम हो जाती हैं। हरी सब्जियों का सेवन करने से इम्यून सिस्टम भी बेहतर होता है।विभिन्न प्रकार की दालों को प्रोटीन का अच्छा सोर्स माना जाता है। काला चना, मूंग दाल, सोयाबीन और अन्य कई ऐसी दालें हैं जो हेल्थ के लिए फायदेमंद होती है। ये दालें फेफड़ों को मजबूत बनाती हैं और उन्हें संक्रमण से बचाती हैं। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को दालों का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। 
 

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