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मोदी सरकार ने मंत्रियों के लिए बनाया 100 दिन का प्लान काम नहीं किया तो होंगे बाहर!

मोदी सरकार ने मंत्रियों के लिए बनाया 100 दिन का प्लान काम नहीं किया तो होंगे बाहर!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में विभिन्न राज्यों के सांसदों को शामिल किया है। मध्य प्रदेश के भी पांच सांसद मंत्री बनाए गए हैं। इनमें नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गहलोत और राज्यसभा सदस्य धर्मेंद्र प्रधान को कैबिनेट, प्रहलाद पटेल को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और फग्गन सिंह कुलस्ते को राज्यमंत्री बनाया है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों के लिए 100 दिन का खास प्लान बनाया है। इसके तहत अगर मंत्रियों के कामकाज से मोदी संतुष्ट नहीं हुए तो इन्हें बदला जा सकता है। इसलिए मंत्रियों को 100 दिन के प्रोबेशन पर रखा जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी ने अपनी सरकार में अब बड़ा बदलाव किया है। मोदी के मंत्री 100 दिन 'प्रोबेशन रहेंगे। ऐसा दावा मीडिया रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अगर प्रधानमंत्री को इन 100 दिनों का रिपोर्ट कार्ड पसंद आता है तो मंत्रियों को बदला नहीं जाएगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो इनमें से कई चेहरे बाहर भी हो सकते हैं। इसके लिए पीएम मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मंत्री पद देने से पहले सभी मंत्रियों को इम्तिहान की तरह यह समझाने का प्रयास किया है कि यदि उन्हें मौका मिलता है तो वे 100 दिनों में क्या-क्या काम करेंगे और कैसे करेंगे। यह भी उन्हें बताया गया है कि उनके कामों पर नजर भी रखी जाएगी और समीक्षा भी होगी।
क्या है 100 दिनों का प्लान
मोदी सरकार ने अपनी सरकार का 100 दिनों का एक्शन प्लान तैयार किया है। क्योंकि सबकी नजर मोदी सरकार के कामकाज और आगे आने वाली योजनाओं पर लगी हुई है। पीएमओ ने शपथ ग्रहण से पहले ही सभी मंत्रालयों से अपनी प्राथमिकताएं तय करने के लिए कह दिया है। सूत्रों के मुताबिक 31 मई को होने वाली मोदी सरकार की पहली बैठक में इस 100 दिनों के एक्शन प्लान पर फाइनल मोहर लग जाएगी।

यह भी है खास
-पहले सौ दिन में मोदी सरकार नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का भी ऐलान कर सकती है। इसमें दस नए उच्च शिक्षण संस्थान खोलने की घोषणा, उच्च शिक्षण संस्थानों में खाली पांच लाख पदों को भरने का ऐलान संभव है।

-बुलेट ट्रेन के काम को तेजी देने के लिए जमीन अधिग्रहण की अड़चनों को दूर करना। जुलाई में पूर्ण बजट, आयकर छूट सीमा बढ़ाकर 5 लाख सालाना करना तय किया जा सकता है।

-किसानों को 6 हजार सालाना देने की योजना का विस्तार हो सकता है।

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