मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा में अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने को मामले में भाजपा के 12 विधायकों को निलंबित करने के फैसले को शिवसेना के सांसद संजय राउत ने उचित ठहराया है। उन्होंने कहा कि अनुशासनहीनता बर्दाशत नहीं की जा सकती। वहीं, भाजपा ने फैसले के खिलाफ राज्य में प्रदर्शन किया। राउत ने पत्रकारों से कहा कि ‘राज्य विधानसभा में ऐसी अनुशासनहीनता कभी नहीं देखी गई।’
ज्ञात हो कि राज्य विधानसभा के दो दिवसीय मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ ‘दुर्व्यवहार’ करने के आरोप में भाजपा के 12 विधायकों को विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा कि जाधव द्वारा दिया गया घटना का विवरण एकतरफा है। राउत ने मंगलवार को कहा, अनुशासनहीनता बर्दाशत नहीं की जा सकती।
अध्यक्ष का ‘माइक’ तोड़ना और पीठासीन अधिकारी के खिलाफ अभद्र का इस्तेमाल करना महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। इस बीच, भाजपा ने विपक्षी दल के विधायकों के खिलाफ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार की कार्रवाई की निंदा करते हुए राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया।
भाजपा के कई विधायकों ने मुंबई में विधानभवन की सीढ़ियों पर धरना दिया और उद्धव ठाकरे नीत राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जिन 12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, वे यहां नहीं दिखे क्योंकि निलंबन अवधि के दौरान उन्हें विधानमंडल भवन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। ये विधायक संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, पराग अलवानी, हरीश पिंपले, योगेश सागर, जय कुमार रावत, नारायण कुचे, राम सतपुते और बंटी भांगड़िया शामिल हैं। सोमवार को इन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी और ‘लोकतंत्र को कुचलने’’ की एमवीए सरकार के खिलाफ शिकायत की थी। महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में शिवसेना, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल हैं।
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संजय राउत ने बीजेपी के 12 विधायकों के निलंबन का समर्थन किया