एकेवीएन ऐसे उद्योगपतियों की जमीनों का आवंटन निरस्त करने जा रहा है जिन्होंने नोटिस देने के बाद भी लीज रेंट नहीं भरा है। उद्योगपतियों में इससे घबराहट है और वे दबाव-प्रभाव की राजनीति में लगे हैं ताकि आवंटन निरस्त नहीं हो।
एकेवीएन के अधीन पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग एक हजार बड़े, मध्यम उद्योग संचालित हैं। इनमें से कुछ उद्योग ऐसे हैं, जिन्होंने मार्च से लेकर अभी तक लीजरेंट जमा नहीं कराया है। कई बार अधिकारियों द्वारा फोन पर नोटिस देने व लिखित में भी नोटिस दिया गया है। अधिकारियों ने ऐसे डिफाल्टर उद्योग संचालकों को ऑफिस में बुलाकर सख्ती से लीजरेंट भरने को कहा है, मगर फिर भी उद्योग संचालक एकेवीएन के आदेशों की अवहेलना करते आ रहे हैं। इसलिए अब एकेवीएन ने सख्ती दिखाना शुरू कर दी है। एकेवीएन अधिकारी अब अपने-अपने औद्योगिक क्षेत्रों में ऐसे डिफाल्टर संचालकों की सूची तैयार कर रहे हैं जिन्हें तीन बार मौखिक या लिखित नोटिस दिए जा चुके हैं फिर भी इन्होंने लीजरेंट जमा नहीं कराया है। अब ऐसे उद्योग संचालकों की औद्योगिक जमीन निरस्त करने की कार्यवाही शुरू की जा रहीहै। अभी तक ५० उद्योग संचालक सामने आए हैं जिन्हें आखिरी बार चेतावनी दी गई है कि आठ दिन में वे बकाया लीजरेंट भर दें।
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लीज रेंट नहीं भरने वाले उद्योगपतियों की जमीनों का आवंटन निरस्त करने की कार्यवाही