परमाणु हथियारों की वजह से ही पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव को कम करने में मदद मिली थी। स्ट्रैटेजिक प्लान्स डिवीजन (एसपीडी) में शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण मामलों के महानिदेशक ब्रिगेडियर जहीर काजमी ने यह बात कही।
ब्रिगेडियर जहीर काजमी ने कहा स्थिरता का वास्तविक आशय उपमहाद्वीप में क्षेत्रीय विवादों का शांतिपूर्ण हल निकाले जाने से है। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के मध्य तनाव बढ़ गया था। यह हमला आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने किया था और इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
पहली बार देश में इतना बड़ा आतंकी हमला था, जिसमें एक साथ इतने जवान शहीद हुए थे। इस घटना के बाद पूरे देश गुस्से में था और हर कोई पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग करने लगा था। चुनाव से ठीक पहले हुए इस हमले की वजह से मोदी सरकार भी दबाव में थी। घटना से गुस्साए पीएम मोदी ने देश से वादा किया था कि आतंकियों को इस करतूत की कीमत चुकानी पड़ेगी।
उनके बयान के कुछ दिन बाद ही भारतीया वायुसेना के 12 मिराज विमानों ने 'ऑपरेशन बालाकोट' को अंजाम दिया और वहां मौजूद आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया। इस हमले के बाद मारे गए आतंकियों की संख्या को लेकर भी बहुत विवाद हुआ। एक ओर जहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 300 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया तो वहीं एयरफोर्स ने किसी भी संख्या पर दावा करने से इनकार कर दिया। हालांकि कहा जाता है कि हमले के वक्त वहां पर सैकड़ों की संख्या में मोबाइल फोन एक्टिव थे।
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परमाणु हथियारों ने पुलवामा संकट से निकलने में मदद की : ब्रिगेडियर काजमी