अमेरिका के कार्यवाहक रक्षामंत्री पैट्रिक शानाहन ने अन्य देशों की प्रौद्योगिकी चुराने के चीन के प्रयासों और दक्षिण चीन सागर में चौकियां बनाने को लेकर उसकी कड़ी निंदा की है। शानाहन ने कहा कि बीजिंग के खराब बर्ताव का खात्मा होना चाहिए। शानाहन ने चीन और उत्तर कोरिया की चेतावनियों की तीखे शब्दों में निंदा की और कहा कि अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध रहेगा और वहां स्थायित्व लाने के लिए लाखों डॉलर का निवेश करने को तैयार है। यदपि उन्होंने अपने शुरुआती संबोधन में खासतौर पर चीन का नाम नहीं लिया, लेकिन क्षेत्र में विवादित द्वीप में उन्नत हथियार तंत्र स्थापित करने की चीन की गतिविधियों का उल्लेख कर यह स्पष्ट कर दिया कि उनका निशाना किस पर है। शानाहन ने कहा, कोई भी देश हिंद-प्रशांत में प्रभुत्व कायम नहीं कर सकता और न ही करना चाहिए। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के फिर सत्ता में कायम होने के महज 72 घंटों के भीतर अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के अधिकारियों ने शुक्रवार को बैंकाक में बैठक की और मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए सामूहिक प्रयासों पर विचार-विमर्श किया।