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 दिल्ली सहित उत्तराखंड के पड़ोसी राज्यों में कैसे मिलेगा गंगाजल

 दिल्ली सहित उत्तराखंड के पड़ोसी राज्यों में कैसे मिलेगा गंगाजल

हरिद्वार । कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच उत्तराखंड सरकार ने इस साल भी कांवड़ यात्रा कैंसिल कर दी है, लेकिन शिव भक्तों को राहत देते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि गंगाजल को टैंकरों में भरकर दूसरे राज्यों में भिजवाया जाएगा। सावन महीने में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा में कांवड़ियों के लिए सरकार टैंकरों में गंगाजल भरकर उत्तराखंड के पड़ोसी राज्यों में भिजवाने का फैसला लिया है। ऐसे में कावंड़ियों को बिना हरिद्वार आए अपने-अपने शहरों में गंगाजल मिल जाएगा और वे श्रद्धापूर्वक शिवालयों में गंगाजल चढ़ा सकेंगे। सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों में गंगाजल टैंकरों में भरकर भेजने का फैसला लिया है। आपको बता दें कि उत्तराखंड के पड़ोसी राज्य में भारी संख्या में कांवड़िए ब्रह्मकुंड, हरकी पौड़ी, ऋषिकेश, देवप्रयाग और गोमुख गंगोत्री में गंगाजल लेने पहुंचते हैं। अपने-अपने शहरों से कई मीलों का सफर तयकर कांवड़िए उत्तराखंड में गंगाजल लेकर वापिस अपने शहरों के शिवालयों में गंगाजल चढ़ाते हैं। मॉनसून सीजन के दौरान ही कांवड़ शुरू होती है, जिसमें भारी संख्या में कांवड़िए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, बिहार, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश आदि राज्यों से उत्तराखंड में गंगाजल लेने पहुंचते हैं। कोरोना की तीसरी लहर के बीच सरकार ने पिछले साल की तरह ही इस साल भी कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार कहते हैं कि टैंकर्स में भरकर गंगाजल पड़ोसी राज्यों में भिजवाने से कांवड़ियों को अपने-अपने शहरों में ही गंगाजल आसानी से मिल जाएगा। ऐसे में वह अपने-अपने शहरों में शिवालयों में गंगाजल चढ़ा सकते हैं। चूंकि, सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस साल भी कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई है, ऐसे में टैंकरों से गंगाजल पड़ोसी राज्यों में भेजना सही रहेगा।  टैंकरों से गंगाजल भेजने के फैसले का व्यापारी वर्ग विरोध करते हुए कहते हैं कि सरकारी को कांवड़ यात्रा को शुरू करने की अनुमति दे देनी चाहिए। कहा कि कांवड़ यात्रा को शुरू करने के लिए एसओपी जारी करनी चाहिए ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। महानगर व्यापार मंडल (सेठी) के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने कहा कि योगी सरकार की तरह ही उत्तराखंड सरकार कांवड़ यात्रा शुरू कराने का आदेश जारी करे। सेठी ने कहा कि यूपी में सभी धार्मिक यात्राएं व स्नान हो रहे हैं। केवल उत्तराखंड में ही इन्हें स्थगित किया जा रहा है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से कोरोना केसों में कमी आई है। प्रदेशभर में पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन 100 से कम कोरोना केस आ रहे हैं। लघु व्यापार एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कांवड़ यात्रा पंजीकरण के साथ खोले जाने की मांग को लेकर ललतारो पार्क महादेव की मूर्ति की विशेष पूजा-अर्चना की। चोपड़ा ने कहा कांवड़ मेला कराए जाने के लिए उत्तराखंड सरकार अन्य उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान आदि राज्यों के साथ प्रबंधन को लेकर बातचीत करे। इससे व्यापारियों को भी आर्थिक तंगी से राहत मिलेगी। वहीं दूसरी ओर, गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने भी मांग की है कि कांवड़ यात्रा को शुरू कर देना चाहिए। यात्रा के लिए सरकार को गाइडलाइन जारी करनी चाहिए। कहते हैं कि कांवड़ यात्रा शारीरिक और मानसिक ताकत की भी परीक्षा लेती है। कांवड़िए श्रद्धापूर्ण मीलों पैदल चलकर यात्रा कर गंगाजल लेने हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी सहित उत्तराखंड के दूसरे शहरों में जाते हैं। विदित है कि पिछले साल कांवड यात्रा के रद होने के बाद यूथ कांग्रेस उत्तराखंड ने करीब 10 हजार गंगाजल से भरे कैन को पड़ोसी राज्यों में बंटवाया था। 
 

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