तिरुवनंतपुरम । केरल में कोरोना संक्रमण के रोजाना 12,000 से 15,000 मामले सामने आ रहे हैं। राज्य में रविवार को संक्रमण के 12,220 नए मामले सामने आए तथा 97 और लोगों की मौत हो गई। केरल में संक्रमण के अब तक 30,51,249 मामले सामने आए हैं और कुल 14,477 लोगों की मौत हो चुकी है।
राज्य में 1,14,852 लोग उपचाराधीन हैं। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने हाल में कहा था कि ‘अनलॉक' के तहत उठाए गए कुछ कदमों के कारण कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई है और उनके कम होने की उम्मीद है। देश में संक्रमण का पहला मामला जनवरी 2020 में सामने आया था। विशेषज्ञों के अनुसार, केरल में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिर दर से राज्य को वायरस से लड़ने में मदद मिलेगी और यह सुनिश्चित होगा कि चिकित्सा सुविधाओं पर अत्यधिक बोझ न पड़े, लेकिन यह स्थिति जितने अधिक समय तक बनी रहेगी, चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए समय उतना ही अधिक तनावपूर्ण होगा। चिकित्सा विशेषज्ञों ने एहतियाती कदमों के लिए केरल सरकार की प्रशंसा की, जिनके कारण संक्रमण दर चरम पर नहीं पहुंची, लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि ‘अनलॉक' चरण के प्रभावी होने के बाद कोरोना वायरस प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने में प्रशासन की अक्षमता के कारण मामले कम नहीं हुए।
उन्होंने कहा कि टीकाकरण महत्वपूर्ण है और राज्य सरकार को आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार पर निर्भर रहने के बजाय किसी भी तरह से टीकों की खरीद का प्रयास करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री जॉर्ज ने शुक्रवार को कहा था, ‘‘सरकार का प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि संक्रमित व्यक्तियों की संख्या राज्य की चिकित्सा क्षमता से अधिक न हो, ताकि बिस्तरों या ऑक्सीजन की अनुपलब्धता के कारण किसी की मौत न हो।'' उन्होंने जोर देकर कहा कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र तरीका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महाराष्ट्र और केरल में संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों को लेकर चिंता जताई थी। केरल के लिए अब जीका वायरस ने भी चिंता और बढ़ा दी है।
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केरल में थम नहीं रहा है कोरोना, 12,220 नए मामले सामने आए