बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर और फिल्ममेकर फराह खान जो कहती हैं वो पूरी जिम्मेदारी से कहती हैं और जो करती हैं उसमें समाज और देशहित छिपा होता है। दरअसल आईना दिखाना भी तो समाज सुधार और देश के विकास का काम ही है। ऐसे में जब पिछले दिनों फराह 'कैंसर पेशेंट्स एड एसोसिएशन' इवेंट का हिस्सा बनीं, तो ऐसा कुछ कह गईं जिससे संदेश गया कि अब उनकी फिल्मों में धूम्रपान पूरी तरह वर्जित रहेगा। गोरतलब है कि यह आर्गेनाइजेशन लोगों को तंबाकू और सिगरेट पीने से सेहत को होने वाली हानि के बारे में जागरूक करता है, जिसकी सराहना फराह ने भी की है। इसी इवेंट के दौरान फराह ने कहा कि 'एक फिल्ममेकर के रुप में आज मैं यह फैसला ले रही हूं कि अब से मेरी फिल्मों में कोई भी एक्टर स्मोक करता हुआ नजर नहीं आएगा।' इसी के साथ फराह यह भी बोल जाती हैं कि वैसे भी मेरी फिल्मों में एक्टर्स धूम्रपान नहीं करते हैं, लेकिन ओम शांति ओम फिल्म जो आई थी उसमें अर्जुन रामपाल ने जरुर स्मोक किया था, क्योंकि वो उस किरदार की डिमांड थी। बहरहाल फरहा तो यही वचन देती हैं कि वो अपनी आगामी फिल्मों में स्मोकिंग को महत्व नहीं देंगी। इस पर कहने वाले कह रहे हैं कि धूम्रपान निषेध का बोर्ड तो ठीक है, लेकिन जब कहानी की ही यही डिमांड होगी तो फिर स्मोकिंग से कैसे बचा जा सकेगा। आखिर अच्छाई और बुराई के तुलनात्मक अध्ययन के लिए बुराई को भी तो सामने लाना ही होगा। इस पर भी फरहा के पास बेहतर जवाब है और वो कहती हैं कि 'हर शख्स अपने खुद के लिए रिस्पॉन्सिबल होता है।' बकौल फरहा उनके अपने घर में ही अनेक सदस्य हैं जो स्मोकिंग करते हैं, लेकिन वो सभी तो मैच्योर हैं, और ऐसे में उन्हें मालूम होता है कि वो क्या कर रहे हैं। इसलिए इस मामले में मुझे तो नहीं लगता कि किसी को सलाह देने की जरूरत है। एक जिम्मेदार फिल्ममेकर के रुप में मुझसे जो हो सकेगा वह जरुर करुंगी। जहां तक वर्क आउट की बात है तो फरहा और रोहित शेट्टी फिल्म सत्ते पे सत्ता का रिमेक बनाने जा रहे हैं, जिसमें फराह डायरेक्टर हैं और शेट्टी प्रोड्यूसर बने हुए हैं। फिल्म की स्टार कास्ट अभी तय नहीं हो पाई है, इसलिए ज्यादा बातें नहीं की जा सकती हैं।
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फराह की फिल्मों में धूम्रपान निषेध?