लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि कानून के खिलाफ जारी किसान आंदोलन पर कहा कि संवाद समस्या का समाधान होता है। भारत सरकार ने संवाद के सारे तरीके अपनाये। हर एक स्तर पर संतुष्ट करने का प्रयास किया। लेकिन जब किसान एजेंडे का हिस्सा न हो, और हम किसान के कंधे पर बंदूक रखकर सरकार पर साधने का प्रयास करें। उसके पीछे जब विदेशी पैसा लगा हो, तो इस प्रकार की स्थित आती है। सीएम योगी ने कहा कि मुझे लगता है किसान संगठनों या किसान नेताओं का आंदोलन बहुत कमजोर हो चुका है। भारत सरकार ने उनका ऑफर दे रखा है। उन्हें सरकार के साथ संवाद बनाना चाहिए। संवाद से ही समस्या का समाधान निकालना चाहिए।
सीएम योगी ने कहा कि पिछले 7 वर्षों से किसानों की खुशहाली के लिये कई कार्य किये गये है। जिसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, फसल की लागत से डेढ़ गुना अधिक दाम देने का काम शामिल है। जब भारत सरकार कृषि कानून के एक-एक मुद्दे पर चर्चा कर उसका समाधान निकालना चाहती है, तो महज जिद के लिये आप व्यवस्था को बाधित नहीं कर सकते। अंत में सीएम योगी ने 2022 के विधानसभा चुनाव पर कहा कि सरकार बिना नफा-नुकसान की चिंता किये बगैर अपना काम कर रही है। हमने किसान आंदोलन के बीच ही पंचायत चुनाव भी लड़े हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बागपत को छोड़कर सभी सीटें बीजेपी ने जीती है। गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, अलीगढ़, कासगंज, हाथरस, मथुरा, आगरा ये सभी सीटें बीजेपी ने ही जीती है। इस जनादेश का भी सम्मान होना चाहिए।’
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किसान आंदोलन कमजोर हो चुका, बागपत को छोड़ पूरे पश्चिम यूपी में जीती बीजेपी -महज जिद के लिये आप व्यवस्था को बाधित नहीं कर सकते: सीएम योगी आदित्यनाथ