धर्मशाला । वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने आज यहां प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना काल में 205 बसों की खरीद के फैसले पर सवाल उठाया है बाली ने कहा कि परिवहन निगम पहले ही घाटे में है ऐसे दौर में यह निर्णय तर्कसंगत नहीं है ।
बाली ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सीमित आय वाला प्रदेश है स वहीँ भारी बरसात ने हर जगह सड़को के साथ साथ निजी और सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाया है। जिससे उबरने और आगामी मानसून आदि से निबटने के साथ साथ कॅरोना काल में पटड़ी से उतरी अर्थव्यव्यस्था को सुचारू रूप से चलाने में बजट की नितांत आवश्कयता है।
उन्होंने कहा कि परिवहन निगम इस महामारी के दौरान घाटे में डूबा है। निगम के कई रुट अभी तक नहीं चले हैं। बसें खड़ी हैं।
उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस राज में केंद्र से मिली 90ः10 मदद से ली गई बसों को यह सरकार सही ढंग से चला नही पाई । हिमाचल गाँवों में बसता है , बसों में यात्रा करने वाले अधिकांश लोग ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। इसलिए ग्रामीण इलाकों को बसों की ज्यादा जरुरत थी। सीमित आय वाला प्रदेश केंद्र से मदद का ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ सकता था।
इसी बात को मद्देनजर रखते हुए हमने तीन चार छोटे बड़े शहरों को जोड़ क्लस्टर बनाये और उनकी आबादी के बेस पर केंद्र के सामने अपना मुद्दा और बसों की मांग रखी। इस तरह परिवहन विभाग ने 800 बसें प्राप्त कीं जिनसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी मुद्रिका बसों रूप में परिवहन को सदृढ़ किया गया लेकिन सरकार बदलते ही इन बसो को खडा कर दिया गया आज यह बसें खटारा हो चुकी हैं सरकार चाहती तो नई बसों की खरीद से पहले इन बसों के बारे में कोई फैसला लेती
बाली ने कहा कि तीसरी लहर की भविष्यवाणियां हो रही हैं। इस समय सतर्कता के साथ आर्थिक संसाधनों की जरूरत होगी। ऐसी स्थिति में 205 बसें खरीदने की पहल समझ से परे है। क्या इस समय प्रदेश सरकार की प्राथमिकता बसों की खरीद है जब जो बसें है वो भी रुट पर नही चलपा रहीं हैं ।
रीजनल नार्थ
जीएस बाली ने 205 बसों की खरीद के फैसले पर सवाल उठाया