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जी-20- ट्रंप-मोदी की बैठक की तैयारी में 'मदद' के लिए भारत आ सकते हैं पोम्पियो

जी-20- ट्रंप-मोदी की बैठक की तैयारी में 'मदद' के लिए भारत आ सकते हैं पोम्पियो

भारत के साथ अमेरिकी संबंधों की बेहतरी के लिए कोशिशे लगातार जारी है। और अब जब जी-20 बैठक निकट है तो अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पियो 28-29 जून को इसके लिए जापान के ओसाका जाते वक्त भारत के दौरे पर आ सकते हैं। वह हाल ही में अप्वाइंटेड फॉरेन मिनिस्टर एस जयशंकर से मुलाकात कर सकते हैं। इस दौरे से ओसाका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बैठक की तैयारी करने में मदद मिल सकती है। कुछ इंडियन एक्सपोर्ट्स पर मिल रहे ड्यूटी कंसेशन को अमेरिका की तरफ से हाल ही में खत्म किए जाने और आने वाले समय में उठाए जाने वाले प्रतिकूल कदमों से दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों पर नकारात्मक असर होने का खतरा पैदा हो गया है। इससे पहले मोदी और ट्रंप की मुलाकात पिछले साल नवंबर में अर्जेंटीना में हुई थी।
रूस से डिफेंस डील, ईरान और ट्रेड इश्यू के चलते इन दिनों अमेरिका और भारत में मतभेद बढ़ रहा है। पिछले महीने पीएम को दूसरा टर्म हासिल होने पर मोदी को ट्रंप ने बधाई दी थी। उन्हें जीत के लिए अप्रत्याशित रूप से कई अमेरिकी सीनेटर्स, बिजनेसमैन और एकेडेमिक्स से बधाई संदेश मिले थे। जहां तक पोम्पियो के दौरे की बात है तो जयशंकर के लिए फॉरेन मिनिस्टर के तौर पर उनसे पहली बड़ी मुलाकात होगी। जयशंकर अगस्त में फ्रांस में जी-7 की मीटिंग की तैयारी के लिए फ्रांस के फॉरेन मिनिस्टर से भी मिल सकते हैं। वहां भारत को चिली, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के साथ ऑब्जर्वर के तौर पर आमंत्रित किया गया है।
अमेरिका से होने वाले डेयरी प्रोडक्ट्स और मेडिकल इक्विपमेंट्स के एक्सपोर्ट पर प्रस्तावित कुछ पाबंदियों के चलते पिछले साल भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। तनाव बढ़ने के दूसरे कारणों में डेटा लोकलाइजेशन पर भारत का जोर देना और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए फॉरेन इनवेस्टमेंट नॉर्म्स में संशोधन करना शामिल था। पिछले हफ्ते अमेरिका ने ईरान से ऑयल खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। उसने भारत को रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने को लेकर चेतावनी दी थी। डिफेंस सिस्टम की डील पिछले साल हुई थी, जिनकी डिलीवरी अगले साल शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा था कि भारत और अमेरिका आपसी संबंधों को बेहतर बनाने पर काम करना जारी रखेंगे। अमेरिका ने पिछले हफ्ते जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज के तहत मिल रहे ड्यूटी कंसेशन वापस लेने का फैसला किया था।

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