मुंबई, । महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में एक अहम फैसला किया है. इस फैसले के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल ऑफिसरों और सीनियर ऑफिसरों के रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा कर 62 कर दी गई. कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है. मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णय के मुताबिक सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कार्यालयों में महाराष्ट्र मेडिकल एंड हेल्थ सेर्विसेस, ग्रुप-ए और राज्य कामगार बीमा योजना के अंतर्गत महाराष्ट्र मेडिकल सर्विसेस, ग्रुप-ए में कार्यरत मेडिकल ऑफिसर और सीनियर पदों पर काम कर रहे अन्य अधिकारियों की सेवा निवृत्ति की उम्र अब 62 साल कर दी गई है. इसके अलावा डॉक्टरों की रिक्त जगहों को भरने के लिए जल्द से जल्द उपाय किए जाने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई. कोरोना की तीसरी लहर की तीसरी लहर के डर को देखते हुए यह निर्णय लिया गया.
- 7 वें वेतन आयोग के आधार पर कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने पर भी सहमति
इसके साथ ही राज्य के सार्वजनिक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों के लिए 7 वां वेतन आयोग पर आधारित वेतन बढाने से संबंधित प्रक्रियाएं निश्चित करने का महत्वपूर्ण निर्णय भी मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. इसके अलावा राज्य में कोरोना की स्थिति पर भी चर्चा की गई और संक्रमण को रोकने के उपायों पर बात हुई. ऐसी जानकारी मुख्यमंत्री के कार्यालय की ओर से दी गई है.
- कोरोना के नियमों में ढील की बजाए प्रतिबंध कड़े किए जाने पर जोर
राज्य सरकार के मंत्रिमंडलीय बैठक में यह कहा गया कि राज्य द्वारा पहले ही प्रतिबंधों में ढिलाई दी गई है. ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए और ढिलाई देना उचित नहीं होगा. लोग पर्यटन स्थलों और बाजारों में फिर से भीड़ बढ़ा रहे हैं. ऐसे में यह सख्ती से देखा जाए कि कोरोना के नियमों का पालन हो रहा है या नहीं. अगर नियमों का सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा तो नियमों और प्रतिबंधों में सख्ती फिर से लाई जाए. यह केंद्रीय गृहमंत्रालय और स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है.
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महाराष्ट्र में मेडिकल सेवाओं से जुड़े अधिकारियों के रिटायरमेंट की उम्र 62 की गई