नई दिल्ली । बैंकों की नियामक संस्था भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मास्टरकार्ड एशिया-प्रशांत को नए क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड कार्ड जारी करने से रोकने के बाद उसकी क्रेडिट कार्ड जारी करने की दर प्रभावित होगी। यह बात निजी क्षेत्र के आरबीएल बैंक ने गुरुवार को कही है। आरबीआई का आदेश 22 जुलाई से प्रभावी होगा, क्योंकि मास्टरकार्ड डेटा स्टोरेज मानदंडों का पालन करने में विफल रहा।
आरबीएल बैंक इस समय केवल मास्टरकार्ड नेटवर्क पर क्रेडिट कार्ड जारी करता है। बैंक ने कहा कि उसने वीजा भुगतान नेटवर्क पर सक्षम क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए बुधवार को वीजा वर्ल्डवाइड के साथ एक समझौता किया है। आरबीएल बैंक ने शेयर बाजार को बताया, ‘हमारे बैंक की प्रति माह लगभग एक लाख नए क्रेडिट कार्ड जारी करने की वर्तमान दर तब तक प्रभावित हो सकती है, जब तक कि मास्टरकार्ड नेटवर्क पर नए क्रेडिट कार्ड जारी करने को लेकर नियामक की ओर से स्पष्टता न हो या वीज़ा के साथ तकनीकी एकीकरण पूरा न हो जाए।’ बैंक को उम्मीद है कि प्रौद्योगिकी एकीकरण के बाद वीजा भुगतान नेटवर्क पर क्रेडिट कार्ड जारी करना शुरू हो जाएगा, जिसमें आठ से 10 सप्ताह लगने की उम्मीद है। बैंक के करीब 30 लाख क्रेडिट कार्ड कस्टमर हैं। यह देश का पांचवां सबसे बड़ी क्रेडिट कार्ड इश्यूअर है और उसका मार्केट शेयर करीब 5 फीसदी है। इस बीच बैंक का शेयर आज बीएसई पर कारोबार के दौरान 3.1 फीसदी गिर गया था। लेकिन वीजा के साथ समझौते की खबर के बाद इसमें सुधार हुआ।
इकॉनमी
(रिजर्व बैंक के मास्टरकार्ड पर रोक से परेशानी में आएगा आरबीएल बैंक