लंदन । पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक गैर-टीकाकृत लोगों की तुलना में टीके लगावा चुके लोग कोरोना संक्रमण से अधिक मर रहे हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि 1 फरवरी से 21 जून के बीच कोविड से संक्रमित होने के 28 दिनों के भीतर डेल्टा संस्करण से मरने वाले 257 लोगों में से 163 (63.4 प्रतिशत) को टीके की कम से कम एक खुराक मिली थी। पहली नजर में,चौंकाने वाला लग सकता है, लेकिन यह बिल्कुल वैसा ही है जैसी उम्मीद की जा सकती है।
इसका मतलब यह नहीं है कि टीके मृत्यु को कम करने में प्रभावी नहीं हैं। कोविड से मरने का जोखिम रोगी की आयु के अनुपात में हर सात वर्ष में एक गुना बढ़ता जाता है। उदाहरण के लिए 35 वर्ष और 70 वर्ष के दो मरीजों के बीच 35 वर्ष के अंतर का यह मतलब है कि 70 वर्ष के मरीज की मृत्यु का जोखिम 35 वर्ष के मरीज से पांच गुना ज्यादा है। इसतरह एक बिना वैक्सीन वाले 35 वर्षीय कोविड मरीज की तुलना में 75 वर्ष के बिना वैक्सीन वाले मरीज की मृत्यु का जोखिम 32 गुना अधिक होता है। उम्र के साथ मृत्यु के बढ़ते जोखिम का मतलब है, कि उत्कृष्ट टीके भी युवाओं के मुकाबले वृद्ध लोगों के लिए मृत्यु के जोखिम को कम नहीं करते हैं।टीके की दोनों खुराक लेने से बीमारी के प्रचलित डेल्टा संस्करण के साथ अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम लगभग 96 प्रतिशत तक कम हो जाता है। अगर रूढ़िवादी रूप से यह मानते हुए कि टीके अस्पताल में भर्ती होने की तुलना में मृत्यु को रोकने में अधिक प्रभावी नहीं हैं (वास्तव में उनके मृत्यु को रोकने में अधिक प्रभावी होने की संभावना है) इसका मतलब है कि दोहरे टीकाकरण वाले लोगों की मृत्यु का जोखिम समान अंतर्निहित जोखिम प्रोफ़ाइल वाले गैर-टीकाकरण वाले लोगों के मुकाबले बीस गुना कम हो गया।
वर्तमान में, संक्रमण सबसे कम उम्र में सबसे अधिक और वृद्धों में कम है। यूके की टीकाकरण रणनीति (पहले वृद्ध, अधिक कमजोर लोगों का टीकाकरण) को देखते हुए, आप उम्मीद करेंगे कि कोविड से मरने वाले लोगों के उच्च अनुपात में टीकाकरण किया जाएगा।
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डराने वाली रिपोर्ट, दोनों टीके लगाव चुके ज्यादा लोग मर रहे कोरोना संक्रमण से