लखनऊ । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद अब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी संकेत दिए हैं कि उप्र में पार्टी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव में जायेगी। पार्टी मुखिया ने मोदी और योगी सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने का गुरुमंत्र उप्र भाजपा के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को दिया। उन्होंने कहा कि जनता को बताये कि पूर्ववर्ती सरकारों में क्या-क्या होता था और भाजपा के सत्ता में आने से क्या सकारात्मक फर्क पड़ा?
पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का दिल्ली से ही वर्चुअल उद्घाटन करते हुए भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने मिशन-2022 के लिए पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को सम्बोधित किया। इस मौके पर उन्होंने योगी और मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनायीं। साथ ही पूर्ववर्ती सरकारों में हुए कामों का भी जिक्र करते हुए तंज किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आज विकास के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि नुकसान का न पता हो तो फायदे का अहसास भी नहीं होता। कार्यकर्ताओं को यह समझना और जनता को समझाना होगा कि कैसे यूपी तुष्टिकरण की राजनीति के जाल में फंसा था। जाति-धर्म के आधार पर सत्ता का दुरुपयोग किसी एक समाज को फायदा पहुंचाया जाता था। प्रदेश भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और अनाचार का अड्डा बन गया था। वहीं प्रदेश बीते चार वर्ष में अग्रणी राज्यों में से एक हो गया।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जिला पंचायत और ब्लाक प्रमुख चुनाव में अभूतपूर्व जीत के लिए कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि सपा-बसपा को सिरे से नकारकर जनता ने हमें काम करने का संदेश दिया है। हमें जिम्मेदारी समझते हुए पूरी ताकत से जुटना होगा। उन्होंने मोदी सरकार के कोविड प्रबंधन पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि टीबी की दवा जब दुनिया में पहुंच गई, उसके बाद भारत में आई। चिकनपाक्स, स्मालपाक्स यहां सबसे बाद में खत्म हो गया। इसी तरह दुनिया से जब पोलियो खत्म हो गया, तब हमारे देश में अभियान शुरू हुआ। यह है कांग्रेस के शासनकाल की सच्चाई, जबकि मोदी ने मात्र नौ माह में दो-दो वैक्सीन देश को दे दीं। फिर बिना समाजवादी पार्टी या अखिलेश यादव का नाम लिए इशारों में बोले कि उत्तर के नेता ने तो वैक्सीन भाजपा की बता दी थी। बाद में उनके पिताजी ने वैक्सीन लगवाई तो कुछ बदले। इस तरह के बयानों से उन्होंने अपना स्तर बता दिया। जिसकी सोच और दिल इतना छोटा हो, वह इतना बड़ा उत्तर प्रदेश कैसे संभाल सकता है।
उन्होंने कहा कि बीते चार वर्ष में योगी के नेतृत्व में यूपी ईज आफ डूइंग बिजनेस में दूसरे स्थान पर आ गया। वहीं, यूपी में बच्चा पैदा होता था तो एक ही शब्द जानता था कफ्यूज। मुजफ्फरनगर सहित कई दंगे जनता को याद होंगे, लेकिन चार वर्ष में यहां कोई दंगा नहीं हुआ। एक्सप्रेस और यूपी का कोई मेल नहीं था, लेकिन आज एक्सप्रेसवे वे बन रहे हैं, एयर कनेक्टिविटी मजबूत हो रही है। यूपी इनवेस्टमेंट डेस्टिनेशन बन रहा है। बैठक में दिल्ली से केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडेय, स्मृति ईरानी और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह शामिल हुए तो वहीं, प्रदेश मुख्यालय से अतिथियों का स्वागत प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने किया। मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डा. दिनेश शर्मा, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी थे। संचालन प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर ने किया।
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यूपी भाजपा कार्यसमिति को नड्डा ने दिया जीत का मंत्र, योगी सरकार की पीठ भी थपथपाई