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जब स्मृति मंधाना ने राहुल द्रविड़ के बल्ले से ठोका था दोहरा शतक, दिलचस्प है कहानी -किसी भी भारतीय महिला क्रिकेटर ने विदेश में इतनी बार 50 या उससे ज्यादा रन नहीं बनाए हैं

जब स्मृति मंधाना ने राहुल द्रविड़ के बल्ले से ठोका था दोहरा शतक, दिलचस्प है कहानी -किसी भी भारतीय महिला क्रिकेटर ने विदेश में इतनी बार 50 या उससे ज्यादा रन नहीं बनाए हैं


-मंधाना ने 17 साल की उम्र में वनडे में दोहरा शतक जड़ा था, ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं
नई दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना आज यानी 18 जुलाई को अपना 25वां जन्मदिन मना रही हैं। स्मृति बीते कुछ सालों से हर फॉर्मेट में भारतीय टीम की बल्लेबाजी की अहम कड़ी हैं। उन्होंने इसी हफ्ते इंग्लैंड के खिलाफ टी20 में तूफानी अर्धशतक जड़ा था। मंधाना ने 51 गेंद में 70 रन की पारी खेली थी। विदेश में मंधाना की टी20 में यह सातवीं फिफ्टी थी। किसी भी भारतीय महिला क्रिकेटर ने विदेश में इतनी बार 50 या उससे ज्यादा रन नहीं बनाए हैं। मंधाना का महाराष्ट्र से टीम इंडिया तक का सफर दिलचस्प रहा है। वो 9 साल की उम्र में पहली बार क्रिकेट ट्रायल देने पहुंचीं थी और दो साल बाद महाराष्ट्र की अंडर-19 टीम में पहुंच गई थी। चार साल बाद इस बल्लेबाज ने सीनियर टीम का टिकट कटा लिया था। मंधाना ने 17 साल की उम्र में वनडे फॉर्मेट में दोहरा शतक जड़ा था। वो ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी थीं। मंधाना ने ये पारी अक्टूबर 2013 में अंडर-19 वेस्ट जोन टूर्नामेंट में खेली थी। तब उन्होंने 150 गेंद में नाबाद 223 रन ठोके थे। इस पारी में उन्होंने 32 चौके जड़े थे।
  कम ही लोगों को ये बात पता होगी कि मंधाना ने जिस बल्ले से दोहरा शतक ठोका था। वो टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ का था। इसका खुलासा खुद मंधाना ने गौरव कपूर के शो में किया था। दरअसल, द्रविड़ ने अपना साइन किया बल्ला स्मृति के भाई श्रवण को दिया था। लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था और यह बल्ला मंधाना के पास पहुंच गया और उन्होंने इससे इतिहास रचने वाली पारी खेली। मंधाना ने शो पर इस बल्ले से जुड़ी पूरी कहानी बताई। उन्होंने बताया कि मेरे भाई श्रवण ने द्रविड़ सर से मेरे लिए अपना ऑटोग्राफ किया बल्ला मांगा था। उन्होंने भी दरियादिली दिखाते हुए बैट दे दिया। मैं इस बैट को संभालकर रखनी चाहती थी। लेकिन जैसे ही मैंने इसे हाथ में उठाया, तो इसका बैलेंस देखकर मैं हैरान हो गई। इस बल्ले का वजन और संतुलन कमाल का था। इसके बाद मैंने इससे खेलना शुरू कर दिया। मैंने वनडे फॉर्मेट में जो पहला दोहरा शतक लगाया था। वो राहुल सर के आटोग्राफ किए बैट से ही आया था। स्मृति मंधाना ने 2017 वनडे वर्ल्ड कप और 2020 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल तक टीम को पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे ऑस्ट्रेलिया की टी20 लीग बिग बैश में भी खेल चुकी हैं। इंग्लैंड में होने वाली द हंड्रेड के लिए भी उन्हें चुना गया है। मंधाना ने 59 वनडे में 42 की औसत से 2253 रन बनाए हैं। उन्होंने 4 शतक और 18 अर्धशतक ठोके हैं। वे भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में टॉप-5 बल्लेबाजों में शामिल हैं। वहीं, उन्होंने 81 टी20 में 26 की औसत से 1901 रन बनाए हैं।
 

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