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यूपी चुनाव से पहले मायावती का बड़ा दांव, बीएसपी करेगी ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन -अयोध्या में 23 को होगा ब्राह्मण सम्मेलन, बाद में अन्य स्थानों की तारीख तय की जाएंगी

यूपी चुनाव से पहले मायावती का बड़ा दांव, बीएसपी करेगी ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन -अयोध्या में 23 को होगा ब्राह्मण सम्मेलन, बाद में अन्य स्थानों की तारीख तय की जाएंगी

लखनऊ। यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले जातिगत आधारित राजनीति एक बार फिर शुरू होती हुई दिखाई दे रही है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी ) ने यूपी में ब्राह्मण सम्मेलन करने का फैसला किया है। इसकी शुरूआत बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र 23 जुलाई को अयोध्या से करेंगे। यूपी के सभी जिलों में बीएसपी का ब्राह्मण सम्मेलन होगा। बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि ‘बीएसपी हमेशा ब्राह्मणों को सम्मान देती है और हमारा नारा रहा है- सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय। सतीश मिश्र ने कहा कि अयोध्या में बजरंग बली के दर्शन कर ब्राह्मण सम्मेलन की शुरूआत करेंगे। अयोध्या के बाद जहां जहां ब्राह्मण सम्मेलन होना, उनकी तारीख अभी तय की जा रही है।
  बीएसपी के इस बड़े अभियान यानी ब्राह्मण सम्मेलन की अगले हफ्ते अयोध्या से होगी। बीएसपी का ब्राह्मण सम्मेलन 2007 के चुनावी अभियान के तर्ज पर होगा। लखनऊ में पूरे प्रदेश से 200 से ज्यादा ब्राह्मण नेता और कार्यकर्ता बीएसपी दफ्तर पहुंचे थे जहां आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि बीएसपी साल 2022 की चुनावी तैयारी के लिए 2007 के फॉर्मूले पर वापस लौट रही है। जिसके तहत बीएसपी दलित-ब्राह्मण-ओबीसी वाले पुराने फॉर्मूले के साथ चुनावी समर में उतार सकती है। उत्तर प्रदेश में करीब 12 फीसदी ब्राह्मण मतदाता हैं। ऐसा कहा जाता है कि यूपी में ब्राह्मण जिस पार्टी को समर्थन करता है, यूपी में उसकी सरकार बन जाती है। साल 2007 के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों का रूझान बीएसपी की तरफ था तो यूपी में मायावती की सरकार बन गई। वहीं 2012 के विधानसभा चुनावों में ब्राह्मणों का समर्थन समाजवादी पार्टी को मिला तो अखिलेश यादव सीएम बन गए। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव से यूपी के ब्राह्मण मतदाता पूरी तरह बीजेपी के साथ हैं। 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गए तो यूपी में 325 सीटों के साथ बीजेपी का सरकार बनी। ब्राह्मण सम्मेलन का आगाज 23 जुलाई से अयोध्या में शुरू होगा। जिसके लिए पार्टी के प्रमुख ब्राह्मण नेताओं ने आयोजन का खाका तैयार कर लिया है। यूपी में ब्राह्मण वोट बैंक इस बार निर्णायक भूमिका में होगा, अब देखना होगा कि 2022 के चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं का आशीर्वाद किस पार्टी को मिलेगा। वैसे 2022 के चुनाव से पहले यूपी में चर्चा है कि ब्राह्मण मतदाता बीजेपी से कुछ नाराज है। ऐसी चर्चाओं के बाद ही यूपी में बीजेपी ने जितिन प्रसाद को शामिल किया और अजय मिश्र टेनी को केन्द्रीय मंत्रीमंडल में जगह दी। वहीं बीजेपी ने यूपी युवा मोर्चा का अध्यक्ष भी प्रांशुदत्त द्विवेदी को बनाया। इसके अलावा यूपी सरकार में भी बृजेश पाठक, डॉ दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा जैसे बड़े ब्राह्मण चेहरे शामिल हैं। समाजवादी पार्टी भी ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने की भरपूर कोशिश कर रही है। समाजवादी पार्टी के नेता संतोष पाण्डेय भगवान परशुराम की 108 फीट की मूर्ति बनवा रहे हैं। जो चुनाव से पहले लखनऊ में लगाई जाएगी। वहीं सपा ने अपने ब्राह्मण नेताओं के दौरे यूपी में बढ़ा दिए हैं। पूर्व विधायक संतोष पाण्डेय, विधायक मनोज पाण्डेय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माताप्रसाद पाण्डेय, पूर्व विधायक बाबा दूबे और पवन पाण्डेय जैसे नेताओं को सपा आगे कर रही है। वहीं इस पर सपा के प्रवक्ताओं की सूची में भी लगभग 6 ब्राह्मण चेहरे हैं। कांग्रेस भी ब्राह्मण वोट को लेकर प्रमोद तिवारी और राजेश मिश्रा जैसे नेताओं को आगे कर रही है।
 

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