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सिद्धू के खिलाफ खड़े हुए पंजाब कांग्रेस के सांसद, सोनिया गांधी से मिलने का वक्त मांगा   

सिद्धू के खिलाफ खड़े हुए पंजाब कांग्रेस के सांसद, सोनिया गांधी से मिलने का वक्त मांगा   

नई दिल्ली । पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का समर्थन करने वाले पंजाब के सांसदों ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात के लिए समय मांगा है। सभी सांसद सोनिया गांधी के सामने नवजोत सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए के फैसले का विरोध करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, विरोध के पीछे उनका तर्क होगा कि पिछले पांच सालों में सिद्धू का व्यवहार बहुत ही अजीब रहा है और संगठन में उनकी कोई पकड़ नहीं है। साथ ही उन्होंने योजना बनाई है कि वे यह बात भी पार्टी नेतृत्व के सामने रखेंगे कि अन्य जातियों और समुदायों के सामाजिक प्रतिनिधित्व को भी देखा जाना चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी के पुराने साथी सिद्धू को राज्य प्रमुख बनाए जाने के कांग्रेस नेतृत्व के फैसले से नाराज हैं। राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के आवास बैठक के बाद   बाजवा ने एक समाचार चैनल को बताया कि वे नवजोत सिंह सिद्धू के मुद्दे को उठाएंगे लेकिन सोनिया गांधी और राहुल गांधी का फैसला मंजूर है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने अभी मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के गढ़ पटियाला में डेरा डाला हुआ है। उन्होंने शनिवार को करीब 30 विधायकों से मुलाकात की और अभी और विधायकों से मुलाकात करनी है। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पार्टी विधायकों और जिलाध्यक्षों की सोमवार को बैठक बुलाई है। सिद्धू के साथ शनिवार को हुई मुलाकात के बाद इस बैठक को लेकर सवाल उठता है कि क्या वे बैठक में अपना मजबूती दिखाना चाहते हैं। 
ज्ञात रहे कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले पर शनिवार को अमरिंदर सिंह राजी हो गए थे, हालांकि, उन्होंने अपनी कुछ शर्तें रखी थीं। उन्होंने कहा था कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहम फैसलों में पार्टी नेतृत्व उन्हें शामिल करे।  इसके साथ ही राज्य कैबिनेट के फेरबदल में पूरी छूट और तीन कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति उनके द्वारा किए जाने की भी अमरिंदर सिंह ने मांग की है। कैबिनेट फेरबदल हिंदू और दलित समुदाय को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। सूत्रों ने साथ ही बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि वे सिद्धू से तब तक मुलाकात नहीं करेंगे, तब तक वे अपने ट्वीट्स को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते।
अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू के बीच राजनीतिक लड़ाई 2017 में कांग्रेस के पंजाब चुनाव जीतने के बाद से ही चल रही है। इस झगड़े ने अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव में पार्टी को खतरे में डाल दिया है। 
 

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