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 दिल्ली जल बोर्ड 910 एमजीडी के मुकाबले 955 एमजीडी पानी का उत्पादन कर रहा है: राघव चड्ढा

 दिल्ली जल बोर्ड 910 एमजीडी के मुकाबले 955 एमजीडी पानी का उत्पादन कर रहा है: राघव चड्ढा

नई दिल्ली । दिल्ली में अब दिल्ली जल बोर्ड रिकॉर्ड पानी का उत्पादन कर रहा है। दिल्ली में अब 910 के बजाए 955 एमजीडी पानी का उत्पादन हो रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पानी उपलब्ध कराने के लिए सरकार सभी प्रयास कर रही है। इंजीनियर चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली में दिल्ली जल बोर्ड 910 एमजीडी के मुकाबले 955 एमजीडी पानी का उत्पादन कर रहा है। यमुना नदी में पर्याप्त कच्चे पानी के साथ बेहतर इंजीनियरिंग समाधानों की उपलब्धता से अधिकतम पानी का शोधन कर रहे हैं। दिल्ली में अब पानी की आपूर्ति सामान्य हो गई है। दिल्ली जल बोर्ड सामान्य से अधिक पानी का शोधन कर रहा है। इसके बाद घरों में पर्याप्त पानी की आपूर्ति केजरीवाल सरकार सुनिश्चित कर रही है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आज दिल्ली जल बोर्ड द्वारा दिल्ली का जल उत्पादन सामान्य 910 एमजीडी के मुकाबले 955 एमजीडी के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि यमुना नदी में कच्चे पानी के साथ-साथ बेहतरीन इंजीनियरिंग समाधानों की पर्याप्त उपलब्धता के कारण हम अधिकतम स्तरों को आगे बढ़ाने में कामयाब रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा सभी को पानी उपलब्ध कराने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। हमारे इंजीनियर सभी बाधाओं को दूर करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। 
हरियाणा से 16 हजार क्यूसेक पानी आज शुक्रवार को दिल्ली पहुंच गया है। इस दौरान राघव चड्ढा ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली जल बोर्ड ने संघर्ष किया और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। आखिरकार दिल्ली वालों का संघर्ष सफल हुआ है। दिल्ली के हक का पानी रोकने के मामले में हरियाणा सरकार के असली चेहरे का पर्दाफाश हुआ है। पहले उन्होंने दिल्ली के हक का पानी रोका, जिसकी वजह से नदी सूख गई थी और दिल्ली वालों का गला सूख गया था। अब संघर्ष के बाद नदी में दिल्ली के हक का पानी आया है। दिल्ली हमेशा से पानी की आपूर्ति के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर रहा है। दिल्ली ने कई दशक पहले पड़ोसी राज्यों के साथ संधियां साइन की हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, जिसके अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी के जरिए, हरियाणा सरकार यमुना नदी के माध्यम से और पंजाब की सरकार भाखड़ा नागल से दिल्ली वालों को निर्धारित पानी देगी। सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में तय किया था कि हरियाणा को इतना पानी रोजाना दिल्ली को देना है। उसी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए हरियाणा सरकार 120 एमजीडी प्रतिदिन दिल्ली को नहीं दे रहा था। जिससे पानी प्लांटों की क्षमता 40 से 50 फीसदी तक कम होती जा रही थी। दिल्ली में वजीराबाद पोंड पर यमुना नदी का स्तर 674.5 फीट होना चाहिए। जबकि अब यमुना का जल स्तर घटकर 667 फीट पर आ गया था, यानि की पूरी नदी सूख गई थी।पानी कम मिलने की वजह से चंद्रवाल उपचार जल संयंत्र की क्षमता 90 एमजीडी से घटकर 55 एमजीडी, वजीराबाद प्लांट की 135 एमजीडी के घटकर 80 एमजीडी और ओखला प्लांट की 20 एमजीडी से घटकर 12 एमजीडी रह गई थी।
- हरियाणा के पानी रोकने और देने का कारण
हरियाणा सरकार ने दिल्ली के हक का पानी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद रोका था। हरियाणा सरकार ने बेशर्मी दिखाते हुए अपने यहां पानी रोक लिया था। दिल्ली में जल संकट पैदा हो गया था। इसके बाद केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई और हरियाणा सरकार पर दबाव बनाया। जिसके बाद हरियाणा सरकार ने मजबूर होकर 16 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा है।
- दिल्ली में पानी के उत्पादन का विवरण
कुल उत्पाद- 954.59
डब्ल्यूटीपी - 859.59
भूजल -  95.00 मिलीग्राम

- प्लांट प्रोडक्ट-(एमजी) क्षमता
वज़ीराबाद- 134.30      135
चंद्रावल -    95.75        90
भागीरथी -  114.23       110
सोनिया विहार-  141.68  140
हैदर पुर- 235.45           216
नांगलोई- 43.61             40
द्वारका- 52.48               50
बवाना- 20.00                20
ओखला-  22.16             20

- कुल कच्चा पानी -  874.63
वजीराबाद-    138.00
चंद्रावल-     97.36
भागीरथी-   115.26
सोनिया विहार- 144.32
हैदर पुर- 238
नांगलोई- 44.32
द्वारका- 53.12
बवाना- 21.90
ओखला- 22.३५

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