चीनी की मिठास सबको पसंद होती होती है पर क्या आप जानते हैं अधिक चीनी का सेवन आपकी सेहत खराब कर रहा है।
अधिकतर लोग यह बात नहीं जानते हैं कि चीनी की मिठास नशे की आदत जैसी है। इससे टाइप-2 डायबिटीज जैसी बीमारियां हो सकती हैं। जो लोग नियमित रूप से बहुत अधिक मात्रा में चीनी खाते हैं, उनके पैंक्रियास बहुत अधिक इंसुलिन उत्पन्न करते हैं और शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन प्रतिरोध विकसित करती हैं। इसका मतलब यह है कि ग्लूकोज को आसानी से शरीर की कोशिकाओं में संग्रहित नहीं किया जा सकता है, जिससे रक्त प्रवाह में चीनी अधिक हो जाती है।
देश में टाइप-2 डायबिटीज वाले वयस्कों की तादाद सबसे ज्यादा है। भारत में टाइप2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों की संख्या वर्तमान में 7.2 करोड़ से बढ़ कर वर्ष 2045 तक 15.1 करोड़ होने की संभावना है।
स्वास्थ्य के जानकारों के अनुसार, जब हम चीनी खाते हैं, तो हमारा मस्तिष्क बड़ी मात्रा में डोपामाइन, यानी अच्छा महसूस करने वाला एक हार्मोन पैदा करता है। बाजार में उपलब्ध अधिकांश प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में खूब सारी चीनी मिलाई जाती है, ताकि हम केचप, दही, पेस्ट्री और इसी तरह के अन्य प्रोडक्ट अधिकाधिक उपभोग करने के लिए प्रेरित हों। चीनी की अतिसंवेदनशीलता मस्तिष्क को बहुत अधिक डोपामाइन छोड़ने का कारण बनती है, जिससे इसके हिस्सों को असंवेदनशील बना दिया जाता है।
यह अच्छी भावना केवल 15 से 40 मिनट तक रहती है। चीनी न्यूरोलॉजिकल समस्याओं जैसे अवसाद, चिंता, डिमेंशिया और यहां तक कि अल्जाइमर का भी कारण बन सकती है। यह दिमाग को सचमुच धीमा कर याद रखने और सीखने की क्षमता को कम कर देती है।
प्रोसेस्ड सफेद चीनी पाचन तंत्र के लिए भी हानिकारक है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जिन्हें कार्बोहाइड्रेट पचाने में कठिनाई होती है। यह महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के प्रभाव को बढ़ाती है।
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अधिक चीनी का सेवन खराब कर रहा सेहत