वॉशिंगटन । शनि के चांद की बर्फीली सतह के नीचे नमकीन महासागरों में एलियन जीवन की मौजूदगी हो सकती है। नई स्टडी में यहां क्रस्ट के नीचे सूक्ष्मजीवियों की मौजूदगी का संकेत देने वाली मीथेन गैस मिली है। स्टडी में यह भी संकेत दिया गया है कि मीथेन गैस से ऐसी केमिकल प्रक्रिया हो रही है जिसके बारे में अभी हमें पता नहीं है। इंसेलाडस शनि का छठा सबसे बड़ा चांद है। इस पर ताजी और साफ बर्फ मौजूद है जो इसे बेहद रिफ्लेक्टिव और ठंडा बनाती है। साल 2014 में यहां नासा को पानी के महासागरों के सबूत मिले। 2018 में कॉम्प्लेक्स मैक्रोमॉलिक्यूलर ऑर्गैनिक भी मिले।धरती पर हाइड्रोथर्मल वेंट के पास डाइहाइड्रोजन और कार्बनडाइऑक्साइड पर जीवित रहने वाले सूक्ष्मजीवी मीथेन पैदा करते हैं। रिसर्च टीम ने मॉडल तैयार कर देखा कि मीथेन के पीछे क्या कारण हो सकता है। इन मॉडल से मिले नतीजों को कैसीनी के डेटा के साथ मैच किया गया। स्टडी के को-लीड रिसर्चर रेजीस फेरियर ने बताया है कि हम यह भी देख सकते हैं कि कैसीनी को जो मिला वह जीवन की संभावना के लिए अनुकूल पर्यावरण की ओर इशारा कर सकता है। साथ ही अगर इंसेलाडस में समुद्र की सतह पर मीथेन पैदा होती है तो हम उसकी मात्रा भी पता कर सकते हैं। नई स्टडी में कैसीनी के डेटा को स्टडी किया गया है। इसमें मीथेन के साथ-साथ डाइहाइड्रोजन और कार्बनडाइऑक्साइड भी मिले हैं। इससे वैज्ञानिकों को संभावना दिखी है कि कभी यहां भी समुद्र के तले में धरती की तरह हाइड्रोथर्मल वेंट रहे होंगे।
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चांद की बर्फीली सतह के नीचे हो सकती है एलियन की मौजूदगी -मीथेन की मौजूदगी यानी एलियन लाइफ मुमकिन?