लखनऊ । भारतीय जनता पार्टी और स्वयं सेवक संघ के बीच रविवार को लखनऊ में करीब 10 घंटे चली मैराथन बैठक में मिशन-2022 की रूपरेखा खींची गई। बैठक में संघ के स्वयंसेवकों के साथ ही संगठन के कार्यकर्ता मोदी-योगी के काम को लेकर सियासी समर में उतरेंगे। वहीं संघ के अनुशांगिक संगठनों ने सेवा कार्यक्रमों के साथ ही तीसरी लहर और जनमानस के कल्याण के सुझवा दिए, जिन पर अमल का फैसला हुआ। इसके अलावा धर्मांतरण और जनसंख्या नियंत्रण जैसे मुद्दों के साथ योगी सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों और युवाओं को रोजगार देने के काम को प्राथमिकता के आधार पर आगे कर सियासी समर में उतरने का फैसला किया गया। संघ और भाजपा की समन्वय बैठक में रविवार को संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, भाजपा व संघ में समन्वयक के रूप में काम करने वाले सह सरकार्यवाह अरुण कुमार, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, संघ के क्षेत्रीय प्रचारक अनिल कुमार के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और महामंत्री संगठन सुनील बंसल मौजूद रहे। मुख्यमंत्री दोपहर 2.30 बजे बैठक में पहुंचे। दो दिन तक चली इस बैठक में चुनावों में विपक्ष के हमलों से कैसे निपटा जाए और कैसे सरकार के कल्याणकारी कामों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जाए, इस पर फोकस किया गया। साथ ही संघ के संगठनों को कैसे चुनाव में जुटाया जाए। इस पर रणनीति बनी। तय हुआ कि सरकार की तमाम योजनाओं के सहारे ही लोगों को मिशन-2022 के लिए साधा जाएगा। बैठक में सरकार की ओर से मुख्यमंत्री ने किए गए कामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं संगठन की ओर से महामंत्री सुनील बंसल ने सेवा कार्यों के अलावा बूथ स्तर तक किए गए कामों के बारे में जानकारी दी। तय हुआ कि सेवा कार्यों को और भी संजीदगी से जारी रखा जाएगा। बैठक में मजदूर संघ, किसान संघ, आरोग्य भारती, विद्या भारती, विश्व हिन्दू परिषद आदि ने सुझाव पेश किए। बैठक में सहमति बनी कि चुनाव प्रचार के दौरान लोगों को बताया जाएगा कि कैसा भारतीय जनता पार्टी अन्य दलों से अलग है। कैसे जीरो टालरेंस की नीति से प्रदेश के लाखों-करोड़ों युवाओं को भर्ती में पारदर्शिता का लाभ मिला। इसी के साथ पार्टी ने भाई-भतीजा वाद के सियासी तीर से विपक्ष को घेरा जाएगा। साथ ही प्रदेश की कानून-व्यवस्था के लाभकारी पहलुओं पर भी प्रचार के दौरान ध्यान केंद्रित किया जाएगा। बैठक में धर्मांतरण कानून पर की गई कार्रवाई के साथ ही जनसंख्या नियंत्रण को लेकर पार्टी की प्रतिबद्धता पर भी मंथन हुआ। बैठक में तय किया गया है कि कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनज़र बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को भी लगाया जाएगा। संगठन की ओर से सेवा कार्यक्रम दिए जाएंगे। तय किया गया है कि संगठन के साथ ही संघ के स्वंयसेवक भी पहले की तरह कोरोना नियंत्रण के काम में लगाए जाएंगे। इसके लिए सभी प्रकोष्ठों के साथ ही बूथ इकाइयों को सक्रिय किया जाएगा।
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भाजपा-संघ ने की मिशन-2022 की पूरी प्लानिंग