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यूपी- योगी मंत्रिपरिषद का विस्तार शीघ्र, भाजपा आलाकमान की मुहर -'मोदी मॉडल' अपना सकते हैं योगी

यूपी- योगी मंत्रिपरिषद का विस्तार शीघ्र, भाजपा आलाकमान की मुहर -'मोदी मॉडल' अपना सकते हैं योगी

लखनऊ । देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में अगले साल 2022 को विधानसभा चुनाव होने हैं और इससे पहले योगी आदित्यनाथ की सरकार के मंत्रिमंडल में बदलाव संभावित है। और जल्द ही इसका विस्तार किया जा सकता है। माना जा रहा है कि यूपी कैबिनेट का विस्तार भी उसी मॉडल पर किया जा सकता है, जैसे केंद्र में मोदी कैबिनेट का हुआ है। जिसमें जातीय, क्षेत्रीय समीकरण के साथ युवाओं को अधिक मौका दिया जा सकता है।  
सूत्रों के मुताबिक, इसी महीने के अंत तक योगी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। संगठन की ओर से 25, 26 और 30 जुलाई की तारीख का प्रस्ताव दिया गया है। अब किस दिन विस्तार होना है, इसपर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही मुहर लगाएंगे।  
उत्तर प्रदेश की सरकार में अब उन नेताओं को जगह मिल सकती है, जिन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई है। ताकि बिगड़े हुए संतुलन को फिर ठीक किया जा सके। इनमें सबसे पहला नाम निषाद पार्टी के संजय निषाद का है। संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है, ऐसे में अब संजय निषाद को यूपी कैबिनेट में जगह देकर इसकी भरपाई की जा सकती है।  
इसके साथ ही 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र राजभर समुदाय के किसी नेता को यूपी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।  पहले ओमप्रकाश राजभर मंत्रिमंडल का हिस्सा थे, लेकिन अब उन्होंने अपना अलग मोर्चा बना लिया है। इनके अलावा बीजेपी की नज़र ब्राह्मण चेहरे पर भी टिकी है, क्योंकि हाल ही में बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी तीनों ने ही ब्राह्मण समुदाय को लुभाने की कोशिश की है।  
योगी सरकार में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जितिन प्रसाद की एंट्री हो सकती है, उन्हें विधानपरिषद के जरिए मंत्रिमंडल में लाया जा सकता है। वहीं, कायस्थ समुदाय को साधने के लिए ओपी श्रीवास्तव का नाम सबसे आगे चल रहा है। दरअसल, यूपी सरकार में सात मंत्रियों के लिए जगह खाली है। ऐसे में बीजेपी की कोशिश है कि जातीय, क्षेत्रीय समीकरण को इनके जरिए साधा जाए। साथ ही यूपी मंत्रिमंडल में एक महिला नेता को भी प्रवेश मिल सकता है।  
अगर उन नेताओं की बात करें, जिनकी यूपी सरकार से छुट्टी हो सकती है। उसमें भी मोदी सरकार के मॉडल को अपनाया जा सकता है, जिसमें उम्रदराज और कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इनमें सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, पशुधन एवं मत्स्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री चौधरी उदय भान सिंह को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इन सभी मंत्रियों की उम्र 70 साल के पार हो गई है। 
 

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