लंदन । ब्रिटेन में ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट में बदलाव की तैयारी की जा रही है। अब लीक डॉक्युमेंट के जरिए स्टोरी फाइल करने वाले पत्रकारों को 2 से 14 साल तक की जेल हो सकती है। नए कानून के तहत ऐसे पत्रकार के साथ विदेशी जासूस जैसा बर्ताव किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक विदेशी जासूसों पर नकेल कसने के लिए बनाए गए नए कानून के तहत दोषी पाए गए ऐसे पत्रकार जो लीक डॉक्युमेंट्स को हैंडल करते हैं, वे अपना बचाव भी नहीं कर पाएंगे। इंटरनेट के असर और खासकर क्विक डेटा ट्रांसफर टेक्नीक के इस दौर को ध्यान में रखते हुए 1989 में बनाए गए इस कानून में जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं। ह्यूमन राइट ऑर्गेनाइजेशन और लॉ कमीशन ने इसका खाका तैयार किया है।
सरकार का कहना है कि जब यह कानून बनाए गए थे, तब कम्यूनिकेशन के साधन सीमित थे। आज के समय के किसी भी तरह डेटा से पलक झपकते ही किसी भी देश की सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती दी जा सकती है। ऐसे में इनमें संशोधन जरूरी हैं। दरअसल, इजरायल के एनएसओ ग्रुप द्वारा बनाए गए पेगासस स्पायवेयर को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। मीडिया हाउस ने लीक हुए 50 हजार फोन नंबरों की लिस्ट के आधार पर दावा किया था कि पेगासस स्पायवेयर के जरिए 180 से ज्यादा रिपोर्टर्स और संपादकों की जासूसी की गई। करीब 16 मीडिया समूहों की साझा पड़ताल के बाद इस बात का दावा किया गया। इन देशों में भारत भी शामिल है। जहां सरकार और प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करने वाले पत्रकार निगरानी के दायरे में थे।
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ब्रिटेन में नया सीक्रेट एक्ट में होगा बदलाव - लीक डॉक्युमेंट्स हासिल करने पर पत्रकारों को 2 से 14 साल की सजा