नई दिल्ली । यह पहला मौका है जब सऊदी अरब स्थित मक्का में किसी महिला गार्ड की तैनाती हज यात्रियों की सुरक्षा और देखभाल के लिए की गई है। मक्का में हर साल हजारों हज यात्रा पर पहुंचते हैं। हज यात्रा के दौरान मक्का में बतौर गार्ड तैनात होने वाली पहली महिला सुरक्षा गार्ड का नाम मोना है। अपने पिता के करियर से प्रभावित होकर मोना ने मिलिट्री में शामिल होने का फैसला किया और फिर वो इस्लाम के इस सबसे पवित्र स्थल पर तैनात साऊदी वुमन सोल्जर्स ग्रुप का हिस्सा बनीं हैंं। अप्रैल से अब तक दर्जनों महिला सैनिकों की नियुक्ति मक्का और मदीना में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए की जा चुकी है। इसे इस्लाम की जन्मस्थली भी कहा जाता है। मिलिट्री की ड्रेस में तैनात मोना मक्का में अपने शिफ्ट में काम करती हैं और यहां ग्रैंड मस्जिद में सुरक्षा व्यवस्था तथा यहां आने वाले हज यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल रखती हैं। मोना ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 'मैं अपने स्वर्गीय पिता का अनुसरण कर रही हूं, ताकि उनके सफर को पूरा कर सकूं। इसीलिए इस मक्का के मशहूर मस्जिद में खड़ी हूं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा करना एक बहुत ही सम्मानजनक और जिम्मेदारी से भरा काम है।' साइकोलॉजी से पढ़ाई करने वाली मोना को अपना करियर चुनने में अपने परिजनों का भरपूर साथ मिला। जिसके बाद वो एक सैनिक हैं। मोना का मानना है कि धर्म की सेवा, देश की सेवा और अल्लाह के मेहमानों की सेवा करने उनके लिए सबसे बड़ी गर्व की बात है।सऊदी के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी में कई सामाजिक और आर्थिक सुधारों पर बल दिया है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि विदेशी इन्वेस्टर्स को यहां आने के लिए आकर्षित किया जा सके। इन सुधार प्रक्रियाओं को विजन 2030 नाम दिया गया है। इसके तहत सऊदी के प्रिंस ने महिलाओं पर लगे कई तरह के प्रतिबंधों को भी हटा दिया है। अब यहां वयस्क महिलाओं को बिना परिजनों की आज्ञा लिए कहीं भी आने-जाने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा पारिवारिक मुद्दों में भी महिलाओं को नियंत्रण का हक दिया गया है।
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हज के दौरान पहली बार मक्का में हुई महिला गार्ड की तैनाती