देहरादून । उत्तराखंड के चंपावत जिले में टनकपुर-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर हो रही बारिश से कई स्थानों पर हुए भूस्खलन के कारण करीब दो दर्जन लोग फंसे हुए हैं, वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है।भूस्खलन के कारण यातायात अवरूद्ध होने से फंसे लोगों के लिए चंपावत जिला प्रशासन द्वारा ठहरने और भोजन-पानी की व्यवस्था की गई है। मलबे को साफ कर मार्ग खोलने का कार्य हो रहा है। चंपावत के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि लगातार बारिश के दौरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर आठ स्थानों पर पहाडों से हुए भूस्खलन के कारण यातायात बंद होने से करीब 150 लोग फंस गए थे।
उन्होंने बताया कि इसमें ज्यादातर लोगों को देवीधुरा के रास्ते हल्द्वानी भेजा गया, जबकि करीब दो दर्जन लोग अब भी अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए मार्ग से मलबा साफ होने का इंतजार कर रहे हैं। सात स्थानों पर मंगलवार शाम तक वाहनों का आवागमन सुचारू कर दिया गया, लेकिन विश्रामघाट में भारी मलबा आने तथा लगातार बारिश होने से मार्ग अभी साफ नहीं हो सका है। उन्होंने बताया कि बनलेख चौकी के पास भूस्खलन होने से एक केंटर और एक कार के खाई में गिरने से घायल हुए पांच यात्रियों को प्रशासन द्वारा अस्पताल में भर्ती करने के अलावा उनमें से प्रत्येक को 4300 रू की सहायता राशि दी गई है। चंपावत जिले में बाराकोट तहसील के रोनीगाड में बारिश के दौरान एक महिला बह गई, जिसकी खोज के लिए भी तलाश और बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी उत्तरकाशी में बादल फटने से प्रभावित गांवों की स्थिति का जायजा लेने के लिए वहां पहुंचे और प्रभावितों को सरकार से हर संभव मदद का भरोसा दिया। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के साथ मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने मांडौ और कंकराडी गांवों के लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर उत्तरकाशी के जिलाधिकारी को भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण करा गांव के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए। इस दौरान, मुख्यमंत्री ने आपदा पीड़ितों को आपदा राहत की मदद से चार लाख रू के अतिरिक्त एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से देने की भी घोषणा की मांडौ गांव में रविवार देर रात बादल फटने से एक बालिका समेत एक परिवार की तीन महिलाओं की मृत्यु हो गयी थी जबकि निकटवर्ती कंकराडी गांव में एक व्यक्ति लापता हो गया था। बुधवार को उसका शव साडा गांव से बरामद हो गया जिसके साथ ही घटना में मरने वालों की संख्या चार हो गई। आज उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित ग्राम मांडो एवं कंकराड़ी का निरीक्षण कर मृतकों के परिजनों तथा ग्रामीणों से मुलाकात की। आपदा प्रभावितों की हर सम्भव सहायता की जाएगी। मृतकों के परिजनों तथा घायलों को अनुमन्य सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है।
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उत्तराखंड में कुदरत का कहर, बादल फटने से कई स्थानों पर हुए भूस्खलन दो दर्जन लोग फंसे