देश में जब - जब चुनाव होते है, हर बार चुनाव आयोग की ओर से चुनाव आचार संहिता लागू की जाती है जिससे चुनाव में अनियमिततायें न हो एवं चुनाव सही ढ़ंग से सम्मपन्न हो जाय। कोरोना काल के दौरान हो रहे चुनाव आचार संहिता में कोरोना न फैले इस ओर भी चुनाव आयोग का घ्यान होना चाहिए पर ऐसा नहीं हुआ। जिसका परिणाम यह हुआ कि कोरोना देश में फिर से घुस ही नहीं गया गांवों तक फैल गया। यदि इस दिशा में चुनाव आयोग जागरूक होता तो आचार संहिता में कोरोना के फैलने के मुख्य कारक रैली, चुनाव सभा में अनियंत्रित भीड़ पर प्रतिबंद लगाया होता। जब तक इस दिशा में ध्यान गया तब तक कोरोना बहुत दूर तक अपना पग पसार चुका था। देश में फिर चुनाव काल आने वाला है,। अभी कोरोना के पांव थमे हुये है। फिर से कोरोना के पग पसरे नहीं , चुनाव काल में चुनाव आयोग की जागरूकता बहुत जरूरी है। इस दिशा में चुनाव आयोग के साथ - साथ सरकार एवं राजनीतिक दलों की भी ं जागरूकता बहुत जरूरी है।
इस तरह के अनेक पैमाने है जिसके सहारे कोरोना फिर से अपना पग पसार सकता है। ऐसे सामूहिक सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक कार्यक्रम जहां अनियंत्रित भीड़ होने की संभावना बनी रहती है, सभी की जागरूकता जरूरी है। ऐसे समय में जहां कोरोना का प्रभाव अभी भी कायम है, इस तरह के आयोजनों में सोशल डिस्टेंसी बनाये रखते हुये सीमित संख्या में आयोजन करने का दायित्व निभाना देश के सभी नागरिक का कर्तव्य है। कोरोना से बचाव हेतु हर दिशा में जागरूकता बहुत जरूरी हे।
कोरोना से बचाव हेतु जब तक कोरोना प्रभाव बना हुआ है, खान - पान, भ्रमण, कार्य शैली, दैनिक दिनचर्या में जागरूकता बहुत जरूरी हे। इस दौरान कोरोना गाईड की पालना करना बहुत जरूरी है। कोरोना से बचाव हेतु आये वेक्सीन को समय से लगाकर संयम एवं सावधान रहते हुये अपनी दिनचर्या को करना इस दिशा में सही जागरूकता है। वैक्सीन लगा लेने के बाद यह समझ लेना कि हम पूर्ण रूप से सुरक्षित हो चुके है, यह सबसे बड़ी भूल होगी। इस प्रकार की सोच में लापरवाही प्रवेश कर फिर से कोरोना का शिकार बना सकती है। फिर इस बात को ज्यादा बल मिलने लगता कि वैक्सीन बेअसरदार है। इसकी आड़ में की गई लापरवाही की चर्चा नहीं होती।
वैक्सीन पूर्णरूप से कारगर है, कोरोना से बचाव का फिलहाल एकमात्र यहीं कवच है पर जब तक कोरोना जड़ से खत्म नहीं हो जाता तब तक इस कवच को पहन लेने के बाद भी फिलहाल जागरूकता जरूरी है। कोरोनाकाल में आना - जाना, पूजा - पाठ, मिलना - जुलना, सबकुछ बंद रहा। वैक्सीन आने के बाद इस तरह की बंद पड़ी गतिविधियां शुरू हुई है। इस हालात मे जागरूकता जरूरी है। इस दिशा में आई जागरूकता लापरवाही करने से रोक सकती है।
जब कोरोना के तीसरे चरण की सुगबुगाहट होने लगी है तो इससे बचने के लिये सभी को जागरूक होना जरूरी है। वरना कोरोना के पहले , दूसरे चरण से भी भयावह स्थिति हो सकती है। अभी देश के बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है। हमारी जरा सी असावधानी एवं लापरवाही इन बच्चों के भविश्य को संकट में डाल सकती है। ये बच्चे हमारे भविश्य है। जिसकी सुरक्षा का दायित्व हर एक के कंधे पर है। इन्हें बचाने के लिये कोरोना के मामले में सभी की जागरूकता जरूरी है।
देश में चुनाव ,बच्चों की परीक्षा समय पर हो, पर्व त्योंहार भी मनें, एक दुसरे से मिलना - जुलना भी हो सके, पर कोरोना के पग फिर से न पसरे, इस ओर जागरूकता जरूरी है।
(लेखक - डॉ. भरत मिश्र प्राची)
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कोरोना से बचाव हेतु जागरूकता जरूरी