मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) के बाद महिलाओं को कई तरह की समस्याओं को सामना करना पड़ता है। इन्हीं में से एक है वजन का बढ़ना। ऐसे में आपको अपना विशेष ध्यान रखना होगा। आमतौर पर देखा जाता है कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं का वजन तेजी से बढ़ना शुरू हो जाता है पर क्या आप इसके कारणों को जानती हैं।
एस्ट्रोजन की कमी
मेनोपॉज के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन बनना कम होता चला जाता है। एस्ट्रोजन वास्तव में वजन के नियंत्रण में एक अहम भूमिका निभाता है। एस्ट्रोजन का लेवल कम होने पर मेटाबॉलिक रेट भी कम हो जाता है, जिससे खाना एनर्जी में तब्दील होने की बजाय फैट के रूप में स्टोर होने लगता है। साथ ही एस्ट्रोजन की कमी से शरीर में स्टार्च और ब्लड शुगर का कम प्रभावी रूप से उपयोग होता है, जिससे फैट स्टोरेज बढ़ता है और वजन कम करना भी मुश्किल होता जाता है।
अन्य कारण
एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के अतिरिक्त कुछ ऐसे अन्य कारण हैं जो मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर देते हैं। जैसे उम्र बढ़ने के साथ ही महिलाएं धीरे−धीरे कम सक्रिय होती चली जाती है। सक्रियता कम होने के साथ−साथ वजन भी बढ़ना शुरू हो जाता है। वजन के बढ़ने से आपको हाई ब्लडप्रेशर, हद्य रोग, डायबिटीज व अन्य कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा भी काफी हद तक बढ़ जाता है।
यह है उपाय
मेनोपॉज के बाद वजन को नियंत्रित करने के लिए सबसे पहले तो आप हार्मोन थेरेपी ले सकती हैं, जिसके कारण एस्ट्रोजन का स्तर बना रहे। इसके अतिरिक्त सक्रिय लाइफस्टाइल अपनाने की आदत डालें। दिन में आधा घंटा अवश्य व्यायाम अवश्य करें। व्यायाम से न सिर्फ वजन नियंत्रित होता है, बल्कि आप खुद में स्फूर्ति महसूस करती हैं। इतना ही नहीं, व्यायाम से आप के जरिए आप खुद को कई गंभीर बीमारियों से बचा भी सकती हैं। वहीं वजन कम करने के लिए, घर के छोटे−मोटे कार्य खुद करें। बाजार भी पैदल चलकर जाएं। इस तरह अगर आप छोटे−छोटे कार्य खुद करेंगी तो खुद को अधिक सक्रिय रख पाएंगी। वहीं संतुलित आहार का सेवन करें। जिससे आपको सभी प्रकार के विटामिन मिल सकें। इसके साथ ही कैलिशियम की अधिकता वाले पदार्थें का सेवन करें क्योंकि इस दौरान कैलिशियम की कमी हो जाती है।
आरोग्य
मेनोपॉज के बाद बढ़ते बजन पर रखें नियंत्रण