हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार उत्तर भारत में आधे से ज्यादा किसानों का मानना है कि उन्हें उनकी फसल का सही दाम मिलना चाहिए। इसके अलावा सर्वे रपट में यह भी सामने आया कि कृषि उपयोग के लिए मंडी की सुविधा और बेहतर बनाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सर्वे के अनुसार किसानों की नई सरकार से काफी अपेक्षाएं हैं और वह चाहते हैं कि बाजार संबंधी बुनियादी ढांचे के विस्तार और नीतिगत सुधारों पर ध्यान दिया जाए। सर्वे में भाग लेने वाले 52.6 फीसदी किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार से उम्मीदों के बारे में पूछने पर कहा कि उनकी फसल का सही दाम मिलना चाहिए। वहीं 17.1 फ़ीसदी किसानों ने कहा कि सिंचाई के बेहतर साधनों की तंगी की वजह से किसान आज भी सिंचाई व्यवस्था से जूझ रहे हैं। बता दें कि मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में नीम लेपित यूरिया की आपूर्ति की किसानों द्वारा सराहना की गई है। सर्वेक्षण में 42.3 फ़ीसदी किसानों ने कहा कि इस उपाय से यूरिया की सहज और पर्याप्त मात्रा उपलब्ध सुनिश्चित करने में मदद मिली हैं। इसके अलावा 39.3 फ़ीसदी किसानों ने सरकार की किसान सम्मान निधि योजना को अच्छा बताया है, जिसे सरकार मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में शुरू किया था। हालांकि नई किसान ने सत्ता संभालने के बाद इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए सभी किसानों को इस योजना का लाभ देने का फैसला किया हैं।