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निशाने बाजी में होंगे बदलाव  

निशाने बाजी में होंगे बदलाव  

टोक्यो ओलंपिक खेलों में निशानेबाजों के खराब प्रदर्शन की गाज अब कोचिंग सदस्यों पर गिरना तय है। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) कोचिंग सदस्यों को पूरी तरह बदलने पर बिचार कर रहा है। गौरतलब है कि रियो ओलंपिक की तरह ही टोक्यो ओलंपिक में भी भारतीय निशानेबाजों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। भारत के रिकार्ड 15 निशानेबाजों ने टोक्यो ओलंपिक में प्रवेश किया पर परिणाम नहीं मिले। इस बीच टीम में गुटबाजी जैसे अप्रिय मामले भी सामने आये। इसी को देखते हुए एनआरएआई के प्रमुख रनिंदर सिंह ने कोचिंग और सहायक कर्मचारियों में बड़ा बदलाव करने की बात कही है। 
एनआरएआई प्रमुख सिंह ने कहा, ‘‘ निश्चित रूप से प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं है और मैंने कोचिंग और सहयोगी सदस्यों में बदलाव की बात कही है।'' उन्होंने यह बातें राइफल और पिस्टल निशानेबाजों द्वारा मिश्रित टीम स्पर्धाओं के क्वालीफिकेशन चरणों को पार करने में विफल रहने के बाद कही। इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि निशानेबाज आईएसएसएफ विश्व कप के अपने शानदार प्रदर्शन को ओलंपिक में दोहरा क्यों नहीं पाये। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि हमारे निशानेबाजों को इन बड़े मौकों के लिए तैयार करने में कुछ कमी है, क्योंकि स्पष्ट रूप उनमें प्रतिभा है और हमने इसे यहां भी देखा है।''
उन्होंने कहा कि महासंघ और अन्य संबंधित हितधारकों ने खेलों के लिए निशानेबाजों को तैयार करने में मदद करने के लिए हर संभव प्रयास किया। इसमें ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा के नेतृत्व वाले पैनल की सिफारिशों को लागू करना भी शामिल है, जो पांच साल पहले रियो डि जनेरियो में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बना था। एनआरएआई ने पदक की उम्मीद मनु भाकर का जूनियर राष्ट्रीय कोच जसपाल राणा के साथ मनमुटाव होने के बाद भारत के पूर्व निशानेबाज और कोच रौनक पंडित को उन्हें प्रशिक्षित करने का जिम्मा दिया।
 

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